/sootr/media/media_files/2025/05/12/IlWLovN5zdKq04lZxNOG.jpg)
रायपुर : भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे रायपुर से विशाखापट्नम एक्सप्रेस वे में हुए भ्रष्टाचार के नए नए मामले सामने आ रहे हैं। भ्रष्टाचार का खेल किस किस तरह खुलकर खेला गया यह इस प्रोजेक्ट से समझा जा सकता है। भारतमाला प्रोजेक्ट को छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार का प्रोजेक्ट भी कहा जाने लगा है। इसमें सिर्फ अमीर व्यापारी ही नहीं सियासत से जुड़े लोगों की भी सांठ गांठ रही है।
बीजेपी के पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक के भतीजे को ढाई करोड़ का मुआवजा दिया गया। यह मुआवजा दो से तीन किस्तों में दिया गया। इतना ही नहीं मास्टर माइंड खनूजा ने अपनी तहसीलदार पत्नी के नाम पर खरीदी जमीन के भी बीस टुकड़े कर दिए थे लेकिन मुआवजा मिलने के पहले ही मामला खुल गया।
ये खबर भी पढ़ें... घर में रविवार को उमड़ती थी भीड़, पता चला कराया जा रहा धर्मांतरण
पूर्व मंत्री के रिश्तेदार को करोड़ों का मुआवजा
भारतमाला परियोजना में सियासतदारों के करीबियों और रिश्तेदारों को भी करोड़ों का मुआवजा बांटा गया है। राजस्व अधिकारियों ने ऐसी मेहरबानी एक जमीन के आठ टुकड़े करवाकर दो अलग अलग लोगों को पांच करोड़ से ज्यादा का मुआवजा दे दिया। पूर्व मंत्री और वर्तमान में बीजेपी विधायक के रिश्तेदार भूपेंद्र चंद्राकर को करीब ढाई करोड़ का मुआवजा दिया गया। इस जमीन को आठ टुकड़ों में बांटा गया। भूपेंद्र चंद्राकर को तीन टुकड़ों का मुआवजा तो दे दिया गया लेकिन एक प्लॉट का मुआवजा लटक गया। वहीं इसी जमीन के बाकी चार प्लॉट का मुआवजा कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी रोशन चंद्राकर को मिला। तीन प्लॉट का ढाई करोड़ से ज्यादा का मुआवजा मिला। रोशन चंद्राकर की भी मुआवजे की आखिरी इंस्टॉलमेंट अटक गई है।
ये खबर भी पढ़ें... सरकारी आवास में कुर्सी पर मिला अधिकारी का शव, कार्यालय में शोक
भूपेंद्र चंद्राकर को इतना मिला मुआवजा
खसरा 1259 - 75 लाख 80 हजार 461 रुपए
खसरा 1259 - 95 लाख 95 हजार 520 रुपए
खसरा 1259 - 95 लाख 95 हजार 698 रुपए
रोशन चंद्राकर को इतना मिला मुआवजा :
खसरा 1259 - 95 लाख 95 हजार 520 रुपए
खसरा 1259 - 84 लाख 68 हजार 46 रुपए
खसरा 1259 - 95 लाख 95 हजार 520 रुपए
ये खबर भी पढ़ें... सारागांव हादसे में मृतकों को मिलेगा 5 लाख रुपए, 13 लोगों की हुई थी मौत
खनूजा ने तहसीलदार की पत्नी के साथ बनाई फर्म
इस घोटाले का मास्टरमाइंड जमीनों का दलाल हरमीत खनूजा है। खनूजा ने भ्रष्टाचार से मिल रकम से तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुर्रे की पत्नी के साथ एक फर्म बनाई। इस फर्म के नाम पर 1.37 हेक्टेयर जमीन खरीद ली। इसके अलावा एक आदिवासी की 8 एकड़ जमीन भी फर्म के नाम पर खरीद ली। इसका अलावा कई किसानों की जमीन भी खनूजा ने अपने नाम पर करवा ली और उनको पैसा भी नहीं दिया। इतना ही नहीं खनूजा ने अपनी तहसीलदार पत्नी के नाम पर भी छह एकड़ जमीन खरीद ली। उसको 20 टुकड़ों में बांटकर 20 करोड़ का मुआवजा तय करा लिया। लेकिन कार्रवाई से डरकर नए एसडीएम ने इस जमीन को एक ही रकबा मानकर 20 लाख रुपए का मुआवजा दे दिया। ईओडब्ल्यू की जांच में नए नए खुलासे हो रहे हैं। द सूत्र भ्रष्टाचार के इस खेल की खबरों को प्रमुखता से बता रहा है।
ये खबर भी पढ़ें... डिप्टी कलेक्टर रैंक के होंगे नगर निगम के जोन कमिश्नर
FORMER MINISTER | nephew | Compensation | Mastermind | Bharatmala | Bharatmala Project | Raipur