छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक महिला को सेक्सटॉर्शन का शिकार बनाकर साइबर ठगों ने उससे 8 लाख 45 हजार रूपए ऐंठ लिए। मामले में पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने ठगी का केस दर्ज कर लिया है। आरोपी खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर महिला को झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहे थे।
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ऐसे शुरू हुई ब्लैकमेलिंग
सिविल लाइन थाना क्षेत्र निवासी महिला ने पुलिस को बताया कि एक सप्ताह पहले उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को ‘क्राइम ब्रांच’ का अफसर बताया और आरोप लगाया कि महिला ने पोर्न वीडियो देखा है और उसके खिलाफ बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री देखने का केस दर्ज किया गया है।
महिला ने बताया कि वह आरोप सुनकर बुरी तरह घबरा गई और डर के कारण किसी से यह बात साझा नहीं की। ठगों ने महिला को डराते हुए कहा कि यदि उसने सहयोग नहीं किया तो उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा।
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डिजिटल अरेस्ट की धमकी
ठगों ने महिला को "डिजिटल अरेस्ट" करने की बात कहकर और अधिक भयभीत किया। इस दौरान उन्होंने महिला को बार-बार धमकियां देते हुए अलग-अलग किश्तों में कुल 8 लाख 45 हजार रुपये ट्रांसफर करवाए। महिला ने बदनामी के डर से यह रकम बिना किसी को बताए दे दी।
दबाव के बाद महिला पहुंची थाने
रकम देने के बाद भी जब ठगों की धमकियां और पैसों की मांग नहीं रुकी, तो महिला परेशान होकर सिविल लाइन थाने पहुंची और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने IPC और IT एक्ट की धाराओं में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और साइबर सेल मामले की जांच में जुटी है।
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पुलिस की चेतावनी
CSP निमितेश सिंह ने बताया कि यह साइबर ठगी का मामला है और इसमें लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कानून में ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसा कोई प्रावधान नहीं है और न ही पुलिस किसी को फोन कर इस तरह की धमकियां देती है। उन्होंने जनता से अपील की कि किसी भी अज्ञात कॉल या धमकी की स्थिति में तुरंत साइबर सेल या पुलिस से संपर्क करें।
जागरूकता ही सुरक्षा है
पुलिस ने नागरिकों को सतर्क करते हुए कहा है:
किसी अनजान कॉल या धमकी को गंभीरता से लेने से पहले जांच कर लें।
पुलिस कभी सोशल मीडिया या फोन पर आरोप लगाकर पैसे की मांग नहीं करती।
अश्लील सामग्री से जुड़े मामलों में डराकर वसूली करना पूरी तरह गैरकानूनी है।
ठगी की किसी भी आशंका पर तुरंत 1930 या नजदीकी थाने में सूचना दें।
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि साइबर ठग आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों की भावनाओं और डर का फायदा उठाते हैं। सतर्कता और समय पर सूचना ही ऐसे अपराधों से बचने का सबसे मजबूत तरीका है।
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