छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से युवक की मौत हो गई। डॉक्टर के इंजेक्शन लगाते ही युवक की जान चली गई। इसकी जानकारी मिलते ही डॉक्टर गांव से फरार हो गया। बताया जा रहा है कि फर्जी डॉक्टर के पास डॉक्टरी की डिग्री भी नहीं है। हालांकि इस मामले में युवक के परिजनों ने अब तक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
घर आते ही युवक की बिगड़ी तबीयत
यह पूरा मामला भिलाई थाना क्षेत्र का है। युवक जितेंद्र पांडेय (उम्र - 23 साल) ट्रक ड्राइवर है। युवक के पिता प्रकाश शिवालिक इंजीनियरिंग में काम करते हैं। जितेंद्र घर का इकलौता बेटा था। युवक की बहन निधि ने बताया कि, भाई जितेंद्र दो दिन पहले ट्रक लेकर रायपुर गया था।
तबीयत खराब होने पर उसे घर बुला लिया गया। घर आने पर जितेंद्र ने एनर्जी ड्रिंक पीया। इसके बाद वह सो गया। इसके बाद जब हालत नहीं सुधरी तो घरवालों ने मोहल्ले के डॉक्टर सत्येंद्र शर्मा को बुलाया गया। इस दौरान झोलाछाप डॉक्टर सत्येंद्र ने जितेंद्र को देखा और बोला कि उसे गर्मी हो गई है।
युवक को 101 डिग्री बुखार आ गई। 3 इंजेक्शन लगाया और ठीक नहीं होने पर बोतल चढ़ाने की बात कही। इस दौरान जितेंद्र बाथरूम गया और फिर वहीं बेहोश हो गया। इसके बाद परिजन जितेंद्र को लेकर सुपेला अस्पताल पहुंचे, वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों को पता चला तो अस्पताल परिसर में हंगामा कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस भी पहुंच गई और परिजनों को शांत कराया।
डॉक्टर के पास डिग्री नहीं
इस मामले में इलाज करने वाले सत्येंद्र शर्मा ने फोन से बात की तो उसने डिग्री नहीं होने की बात स्वीकार की। सत्येंद्र ने बताया कि, वह दूसरों के साथ इलाज करते-करते सीख गया। उसने बताया कि, जितेंद्र को पैरासिटामॉल के दो इंजेक्शन लगाए थे और कुछ नहीं दिया। पुरानी भिलाई थाना प्रभारी महेश ध्रुव का कहना है कि, मामले की शिकायत मिली है। झोलाछाप डॉक्टर की तलाश की जा रही है। गुरुवार को शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। पीएम रिपोर्ट आने और लिखित शिकायत के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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