मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में पिछले पांच साल से अपने ट्रांसफर का इंतजार कर रहे तृतीय श्रेणी शिक्षकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है कि इसके लिए पॉलिसी बन रही है उसके बाद ही उनके तबादले किए जाएंगे। जयपुर में शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में गहलोत ने कहा की टीचर्स की नियुक्ति जिला स्तर पर होती है और नौकरी लेते समय वे जैसलमेर बाड़मेर तक जाने के लिए तैयार हो जाते हैं लेकिन फिर बाद में अपने गृह जिले में भेजने की मांग करने लगते हैं। किसी को सीकर जाना होता है किसी को झुंझुनू और कोई जयपुर लगाने की मांग करता है।
नई पॉलिसी के बाद होगें ट्रांसफर- सीएम गहलोत
गहलोत ने कहा कि सरकार टीचर्स के ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी तैयार कर रही है। यह एक बहुत बड़ी समस्या है। उसके बाद ही थर्ड ग्रेड टीचर्स के ट्रांसफर किए जाएंगे। हालांकि, चुनाव से पहले बीमारी से ग्रसित कुछ लोगों को ट्रांसफर की राहत जरूर दी जाएगी। गहलोत ने कहा- शिक्षा विभाग में लगभग ढाई लाख तो सिर्फ थर्ड ग्रेड टीचर हैं। उनकी अलग तरह की समस्याएं हैं। हमें वापस बुलाओ, अपने जिले में लेकर आओ। जबकि जब भर्ती होती है। तब वह जिले की भर्ती होती है। तब वह चुनाव करता है। मैं बाड़मेर या जैसलमेर जाऊंगा। उसके बाद भी वह अपने गृह जिले में जाने की मांग करता है। यह बहुत बड़ी समस्या है। इसलिए हम शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी तैयार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा- थर्ड ग्रेड टीचर्स का मुद्दा काफी बड़ा है। इसलिए मैं आप सभी का सहयोग चाहूंगा। यह बहुत बड़ी समस्या है। मान लीजिए अगर सरकार चुनाव से पहले 20 या 30 हजार के ट्रांसफर भी कर देती है। उससे आप लोग खुश हो जाएंगे तो वह गलत बात है। क्योंकि बिना पॉलिसी ट्रांसफर नहीं होने चाहिए। हर टीचर को यह पता होना चाहिए। उसका ट्रांसफर इस पॉलिसी के तहत इतने वक्त में हो सकेगा।
गुजरात और महाराष्ट्र में बनी हुई है ट्रांसफर पॉलिसी
गहलोत ने कहा कि गुजरात और महाराष्ट्र में ट्रांसफर पॉलिसी बनी हुई है। मैंने कल्ला जी से भी कहा है। आप इस पॉलिसी की अच्छे से स्टडी कीजिए। इसके बाद भी किसी टीचर कि कैंसर पेशेंट, किडनी पेशेंट, विकलांग इस तरह समस्याएं हैं उसे आप अपने स्तर पर देख लीजिए। उन्हें अभी कर दीजिए। बाकी पॉलिसी बन जाए उसके बाद ही ट्रांसफर किए जाने चाहिए क्योंकि अगर स्कूल खाली हो जाएंगे। सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि, टीचर्स की भी बदनामी होगी।
शिक्षा विभाग लेने से बचते हैं मंत्री
गहलोत ने कहा- जब भी मैं मुख्यमंत्री बनता हूं तो मंत्रियों की घोषणा होने के बाद वह कहते हैं कि कोई भी विभाग दे देना शिक्षा विभाग मत देना। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला भी यही कहते हैं। फिर भी मैं इन्हें ही शिक्षा विभाग देता हूं। मुझे पता है कि यह मना तो कर रहे हैं, लेकिन यह इस विभाग के एक्सपर्ट हो गए हैं। यह चार बार शिक्षा मंत्री बन चुके हैं। कल्ला जी बहुत भले आदमी हैं। यह अपना काम चला लेते हैं। शिक्षकों को भी पटा-पट्टू कर रखते हैं। ट्रांसफर पोस्टिंग शिक्षा विभाग में काफी समस्याएं रहती हैं। इसलिए इस विभाग को जो संयम रखता है। वही, चला सकता है। क्योंकि शिक्षकों से लोहा लेना काफी मुश्किल काम होता है।
ये वादा भी किया
सीएम ने कहा- मुझे पता है टीचर्स पर काफी बर्डन है। आपका काम सिर्फ पढ़ने का है। उसके बावजूद आपको दूसरे भी काफी काम दिए जाते हैं। वह नहीं दिए जाने चाहिए। मौका लगेगा तो इस पर भी फैसला लेंगे। हम चाहते हैं कि शिक्षक सिर्फ शिक्षक का ही काम करें। बाकी काम दूसरे लोग करें। अगर फिर से हमारी सरकार बनेगी तो मैं आपसे वादा करता हूं आपका काम किस तरह से हल्का हो इसको लेकर फैसला किया जाएगा।