BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी को लेकर मप्र चुनाव आयोग जुट गया है। साल के अंत में आयोजित होने वाले इस चुनाव को लेकर आयोग 1 अक्टूबर तक मतदाताओं का नाम जोड़ा जाएगा। वहीं, 4 अक्टूबर को वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। चुनाव में इस बार प्रदेश के करीब 5 करोड़ 41 लाख मतदाता वोट डालेंगे। वोटर्स 64 हजार 100 मतदान केंद्रों पर मतदान कर सकेंगे। आयोग के मुताबिक, एक बूथ पर 1500 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे। आयोग को अब तक 1500 से ज्यादा संख्या वाले 133 मतदान केंद्र मिले है। वहीं, 416 मतदान केंद्र ऐसे जिन पर मतदाताओं की संख्या 300 ही है।
5 दिन का मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण शुरू
प्रदेश की राजधानी भोपाल में बुधवार 7 जून से 5 दिन का राज्यस्तरीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है, जिसमें 150 से ज्यादा राज्यस्तरीय मास्टर ट्रेनर को ट्रेनिंग की शुरुआत की गई। 9 जून तक चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में सेंट्रल ट्रेनर राज्य के मास्टर ट्रेनर को ट्रेनिंग दे रहे हैं। इसके बाद जिलास्तर और विधानसभा स्तर पर ट्रेनिंग के कार्यक्रम होंगे।
दिल्ली में भी होगी ट्रेनिंग
मास्टर ट्रेनर को चुनाव आयोग द्वारा 19 जून से 15 जुलाई के बीच 2 दिन की ट्रेनिंग इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट दिल्ली में भी दी जाएगी। इसके बाद 16 जुलाई से 31 जुलाई के बीच राज्य स्तरीय ट्रेनर्स को दोबारा 2 दिन ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग लेने वाले मास्टर ट्रेनर जिला और विधानसभा स्तर पर मास्टर ट्रेनर को ट्रेनिंग देंगे। इसके अलावा पीठासीन अधिकारी और पोलिंग अधिकारी को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अक्टूबर तक मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन के मुताबिक चुनाव आयोग से मिले दिशा-निर्देश से कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं। अक्टूबर तक ट्रेनिंग के साथ-साथ सभी तरह के चुनावी कार्यक्रम पूरे कर लिए जाएंगे। अक्टूबर में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन भी हो जाएगा। उसके बाद वोटरों के सही आंकड़े सामने आ जाएंगे। फिलहाल प्रदेश में 5 करोड़ 41 लाख वोटर हैं, लेकिन अक्टूबर तक 18 साल की उम्र करने वाले वोटर को भी विधानसभा चुनाव में वोट डालने का अधिकार देने की तैयारी है। इसको लेकर घर-घर जाकर मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
चुनाव आयोग ने तेज की तैयारियां
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन के मुताबिक 2018 में नवंबर में चुनाव हुए थे। उसके तहत मौजूदा सरकार का कार्यकाल जनवरी तक रहना है और उससे पहले प्रदेश में विधानसभा के चुनाव कराए जाएंगे। उसी को लेकर तैयारियां की जा रही है। कुल मिलाकर सियासी दल चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। चुनाव आयोग ने भी अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है।