मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में कांग्रेस ने चुनाव से जुड़ी आठ और समितियां घोषित कर दी हैं। अहम बात यह है कि इनमें से एक भी समिति की अध्यक्षता पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को नहीं सौंपी गई है। वे कुछ अहम समितियों में सदस्य जरूर बनाए गए हैं, लेकिन किसी समिति को लीड नहीं करेंगे। चुनाव के लिए एक कोर कमेटी बनाई गई है, जिसके संयोजक प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा होंगे। वहीं एक समन्वय समिति बनाई गई है। जिसमें पहला नाम सीएम अशोक गहलोत का है। इन दो समितियों को ही चुनाव की सबसे अहम समिति माना जा रहा है। दोनों में ही पायलट सिर्फ एक सदस्य के रूप में ही शामिल हैं।
कांग्रेस ने गठित की चुनाव से जुड़ी विभिन्न समितियां
सचिन पायलट को नहीं दी किसी भी समिति की जिम्मेदारी
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खड़गे का बयान और चुनाव समितियों की घोषणा...
इन समितियों की घोषणा ऐसे समय पर हुई है जब राजस्थान में बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे यहां की सरकार में तोड़-फोड़ की कोशिशों को याद कर रहे थे और सरकार बचाने के लिए कांग्रेस के स्वाभिमानी, कट्टर कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दे रहे थे। ऐसे में खड़गे के बयान और इसके साथ ही चुनाव समितियों की घोषणा का संयोग राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
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तीन समितियों में पायलट को सदस्य बनाया
राजस्थान में कांग्रेस ने अब तक तीन समितियों की घोषणा की थी, जिसमें प्रदेश चुनाव समिति, पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी और स्क्रीनिंग कमेटी शामिल है। इन तीनों समितियों में सचिन को सदस्य के रूप में शामिल किया गया था और यह माना जा रहा था कि उन्हें कैम्पेन कमेटी या किसी अन्य अहम समिति के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, ताकि चुनाव में उनकी अहम भूमिका रहने का संदेश दिया जा सके, लेकिन आज जो समितियां घोषित हुई हैं, उनमें से एक भी समिति की अध्यक्षता सचिन को नहीं दी गई है। वे कोर कमेटी और समन्वय समिति में सदस्य जरूर बनाए गए हैं। इसके अलावा कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य होने के नाते उन्हें कुछ समितियों में पदेन सदस्य के रूप में भी शामिल किया गया है।
समितियों का गठन बता रहा है कि पार्टी में चुनाव की कमान पूरी तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथ में रहने वाली है, क्योंकि प्रमुख समितियों की जिम्मेदारी उनके करीबियों को सौंपी गई है।
कैम्पेन कमेटी की जिम्मेदारी गहलोत के नजदीकी मंत्री को
सबसे ज्यादा संभावना सचिन को कैम्पेन कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने की थी, क्योंकि इस समिति के पास ही चुनाव प्रचार की पूरी जिम्मेदारी रहती है और इसके अध्यक्ष को पार्टी का चेहरा माना जाता है, लेकिन पार्टी ने कैम्पेन कमेटी की जिम्मेदारी पार्टी के दलित चेहरे आपदा राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल को सौंपी है। मेघवाल गहलोत के नजदीकियों में गिने जाते हैं। सचिन इस समिति में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य के रूप में पदेन सदस्य की तरह शामिल किए गए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस समिति का साफ संदेश यही है कि चूंकि प्रदेश में पार्टी की सरकार है, इसलिए जो कुछ हैं, वह सीएम ही हैं। अन्य समितियों का गठन भी कुछ यही संदेश दे रहा है। मीडिया और कम्युनिकेशन समिति की जिम्मेदारी सरकार की मंत्री ममता भूपेश को दी गई है वहीं प्रोटोकॉल कमेटी का अध्यक्ष मंत्री प्रमोद जैन भाया को बनाया गया है।
रणनीति समिति के रूप में नई समिति
पार्टी ने इस बार के चुनाव में एक रणनीति समिति भी गठित की है। यह समिति पहली बार बनाई गई है और इसका अध्यक्ष पूर्व मंत्री हरीश चौधरी को बनाया गया है। हरीश चौधरी हालांकि सीएम गहलोत के खेमे के नहीं माने जाते हैं, क्योंकि ओबीसी आरक्षणा के मुद्दे पर वे कई बार गहलोत के खिलाफ खुल कर बयानबाजी कर चुके हैं, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि कोर कमेटी और समन्वय समिति के गठन के बाद अब इस रणनीति समिति के पास करने के लिए ज्यादा कुछ बचेगा नहीं, क्योंकि चुनाव की अहम रणनीतियां तो कोर कमेटी में ही तय होंगी।
समितियों में पायलट को हालांकि किसी समिति का अध्यक्ष नहीं बनाया गया है, लेकिन उनके गुट से मंत्री बने मुरारीलाल मीणा को पब्लिसिटी एंड पब्लिकेशन कमेटी का अध्यक्ष जरूर बनाया गया है।
घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष होंगे विधानसभा स्पीकर
पार्टी की घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष विधानसभ अध्यक्ष सीपी जोशी को बनाया गया है। हालांकि यहां एक अहम पहलू यह है कि स्पीकर होने के नाते अभी जोशी संवैधानिक पद पर हैं और कांग्रेस के सदस्य भी नहीं माने जा सकते है। वैसे पिछले कुछ समय से वे कांग्रेस के कार्यक्रमों और सभाओं में लगातार शामिल हो रहे हैं। आज भी पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे की सभा में वे मौजूद थे।
ये बनी हैं समितियां
- कोर समिति- अध्यक्षता सुखजिंदर सिंह रंधावा, सदस्य संख्या- 10