Sheopur. मप्र के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क में लगातार एक के बाद एक चीतों की मौत पर्यावरण प्रेमियों के लिए तो चिंता का कारण है ही लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस ने भी अब चीतों की मौत पर सवाल उठाए हैं। बता दें कि साउथ अफ्रीका से लाए गए चीते तेजस ने 11 जुलाई को दम तोड़ दिया था। अब तक कूनों नेशनल पार्क में चीतों की यह चौथी मौत है, जबकि भारत में ही पैदा हुए 4 में से 3 शावक भी दम तोड़ चुके हैं। ऐसे में इस मुद्दे पर सियासत होना और सरकार से सवाल करना भी लाजमी है।
सरकार ने नहीं की पर्याप्त व्यवस्थाएं- कमलनाथ
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सरकार ने चीतों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है। यही कारण है कि चीतों की मौत हो रही है। उधर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने आरोप लगाया कि चीतों की देखरेख नहीं की जा रही है, उन्हें भोजन भी नहीं मिल रहा है। सरकार केवल हर काम को इवेंट में तब्दील करना जानती है। चीतों को बाड़े में छोड़ने के लिए 100 करोड़ खर्च कर दिए गए लेकिन चीतों की व्यवस्था के लिए बजट काफी कम रखा गया।
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कोई किसान भी छोड़ सकता था चीता- गोविंद सिंह
नेता प्रतिपक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि मोदी जी खुद कूनो आकर गए हैं। कभी वो ट्रेन चलाते हैं तो कभी चीतों को छोड़ने आते हैं। जो काम 20-25 लाख में हो सकता है कि उसके लिए 100 करोड़ खर्च किए जाते हैं। गोविंद सिंह बोले कि चीतों को तो कोई किसान भी छोड़ सकता था लेकिन बीजेपी केा हर चीज इवेंट में तब्दील करनी होती है।
मंत्री की सफाई- पर्याप्त हैं सुविधाएं
इधर चीते तेजस की मौत पर कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया बोले कि हम बीमार चीते लेकर नहीं आए हैं, ये मौसम के चलते हो रहा है। अफ्रीका और एशिया का वातावरण अलग-अलग है, जो शावक पैदा हुए उनकी भी मॉनिटरिंग की जा रही है। कूनो में पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं, वेटरनरी डॉक्टर भी मौजूद हैं, वे ही मौत का स्पष्ट कारण बता सकेंगे।
कूनो में अब बचे 16 चीते
कूनो नेशनल पार्क में नमीबिया से 20 चीते लाकर छोड़े गए हैं। जिनमें से 4 चीतों की मौत हो चुकी है। 4 शावक भी जन्मे थे, जिनमें से 3 की मौत हो गई। इस प्रकार अब कूनो में 16 चीते और एक शावक मौजूद है। जिनमें से 12 चीते खुले जंगल में हैं।