/sootr/media/post_banners/db7fbd25f226b4194a0b3960ee572154aee45202de1c09f67e4cd61d98b15b16.jpeg)
GWALIOR. मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में कांग्रेस में आपसी खींचतान खुल कर सामने आई है। यहां कांग्रेस सद्भावना प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विष्णुकांत शर्मा को जिलाध्यक्ष ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया तो उन्होंने भी कांग्रेस जिलाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने आरोप लगा दिया कि जिलाध्यक्ष कांग्रेस कार्यालय में बैठकर सिंधिया की दुकान चला रहे हैं। देवेंद्र शर्मा को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जिला अध्यक्ष बनवाया था, अब जिला अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया के इशारे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला अध्यक्ष तय कर लें कि उन्हें कांग्रेस के लिए काम करना है या सिंधिया के लिए, पार्टी के प्रति वफादार नहीं रह सकते तो बीजेपी जॉइन कर लें।
झूठा आरोप लगाकर मुझे निलंबित किया : विष्णुकांत शर्मा
कांग्रेस सद्भावना प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विष्णुकांत शर्मा ने कहा कि प्रियंका गांधी की सभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया मुर्दाबाद के नारे लगवाए थे। लेकिन जिलाध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने मेरे साथ राजनीति करके झूठा आरोप लगाकर मुझे निलंबित करवा दिया। विष्णुकांत शर्मा ने आगे कहा कि शर्मा ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास हैं, इसलिए उनके खिलाफ नारे लगाने पर उन्हें बुरा लगा और मेरे साथ राजनीति की।
BJP छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे विष्णुकांत शर्मा
दो साल पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए विष्णुकांत शर्मा ने पार्टी से निलंबन पर कहा कि मैं कांग्रेसी हूं, कांग्रेसी रहूंगा, जिलाध्यक्ष देवेंद्र शर्मा बताएं वो किस ओर हैं। वो ज्योतिरादित्य सिंधिया के इशारे पर काम कर रहे हैं। सिंधिया जिस कार्यकर्ता को निपटाने को बोलते हैं, जिला अध्यक्ष उसे झूठा आरोप लगा निपटाने का काम कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें...
देवेंद्र शर्मा को सिंधिया ने बनवाया था कांग्रेस जिलाध्यक्ष
बीजेपी में आने से पहले कांग्रेस का जिला सदर कौन होगा महल से तय होता था। इसके लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने खास डॉ. देवेंद्र शर्मा को जिले की कमान सौंपी थी। सिंधिया तो बीजेपी में आ गए लेकिन देवेंद्र शर्मा ने कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ा। राजनीति गलियारों में तो यहां तक चर्चा है कि देवेंद्र शर्मा का सिंधिया की ओर झुकाव रहता है, इसलिए वे विरोध में कभी खुलकर नहीं आए।