संजय गुप्ता, INDORE. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट में ध्वनि प्रदूषण को लेकर हुआ पहला फैसला ही कांग्रेस को खटकने लगा है। कांग्रेस ने इस आदेश को तत्कालीन सीएम कमलनाथ के 9 जनवरी 2020 के आदेश की कॉपी बताया। कमलनाथ ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर सभी कलेक्टर को ये आदेश जारी करवाए थे, ये आदेश एक 8वीं क्लास के बच्चे द्वारा लिखे गए पत्र के आधार पर हुए थे।
सीएम ने ये दिया है आदेश
सीएम के आदेश पर गृह विभाग ने आदेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट की सुबह 10 से शाम 6 बजे तक ध्वनि प्रदूषण संबंधी आदेश का पालन कराने के निर्देश दिए हैं। विभागीय अधिकारियों ने आनन-फानन में मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम-1985 में प्रशासकीय आदेश जारी कर दिए। गृह विभाग के आदेश के बाद अब प्रदूषण विभाग नए सिरे से नियम बना रहा है। नियमों में अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। प्रदेश के किसी भी हिस्से में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर चलते पाए गए तो जुर्माना या जेल भेजने तक की सजा हो सकती है।
कमलनाथ सरकार का ये था आदेश
जनवरी 2020 के दौरान कमलनाथ सरकार के समय मेघनगर तहसील झाबुआ के माधव कॉन्वेंट स्कूल के 8वीं क्लास के छात्र हिमांशु सोनी ने एक पत्र सीएम को लिखा था और देर रात होने वाले शोर के चलते परीक्षा की तैयारी में बाधा पहुंचने की शिकायत की थी। इसके बाद कमलनाथ ने विभाग को इस दिशा में सभी कलेक्टर को आदेश जारी करने लिए कहा था। इसके बाद प्रमुख सचिव गृह विभाग एसएन मिश्रा ने सभी कलेक्टर को निर्देश जारी किए थे। इसमें कहा गया था कि मप्र कोलाहल नियंत्रण एक्ट 1985 के तहत प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही पूर्व में जारी हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार रात 10 से सुबह 6 बजे तक ध्वनि प्रसारण यंत्रों उपयोग पर सख्ती से पाबंदी लगाई जाए।
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कांग्रेस बोली- कॉपी-पेस्ट सीएम
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिंह यादव ने कहा कि नवनियुक्त सीएम ने हमारी सरकार के सीएम कमलनाथ के आदेश को ही कॉपी-पेस्ट जारी कर वाहवाही लूटने का प्रयास किया है। तत्कालीन सीएम कमलनाथ ने भी यही आदेश जनवरी 2020 में जारी किए थे। अब नया आदेश बताकर प्रचारित किया जा रहा है। ये कॉपी पेस्ट सीएम की निशानी है।