अजय छाबरिया, BHOPAL. मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रदेश में लगातार आदिवासी अत्याचार के विरोध में "आदिवासी स्वाभिमान यात्रा" निकाली जा रही है जिसका संयुक्त नेतृत्व मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया और आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रामू टेकाम करेंगे।
कथनी करनी में अंतरः डॉ. भूरिया
प्रदेश में निरंतर हर दिन कानून व्यवस्था बदहाल हो रही है, ऐसा कोई दिन नहीं जिस दिन प्रदेश के किसी कोने से हिंसक खबरें ना आ रही हों। आदिवासियों पर अत्याचार अब एक आम घटना ही तरह बनकर रह गई है। प्रदेश के मुखिया एक तरफ खुद को आदिवासी हितैषी होने का दंभ भरते हैं तो दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी के विधायक प्रतिनिधि एक आदिवासी के चेहरे पर मूत्रपात करने जैसे घृणित कृत्य को अंजाम देते हैं।
यात्रा की वजह ये रही प्रमुख घटनाएं
ऐसा नहीं है कि सीधी की घटना कोई एक मात्र घटना हो, ठीक से देखें तो इसी हफ्ते में इंदौर में दो आदिवासी भाइयों को कमरे में बंद करके बेरहमी से पीटा गया। दबंगों के हौंसले प्रदेश में इतने बुलंद हो चुके हैं की एक तरफ अत्याचार कर रहे हैं तो उसका वीडियो भी खुद ही बना रहे है। कुछ महीनों पहले ही महू में पुलिस की गोली से आदिवासी युवक ने अपनी जान गंवाई थी। प्रदेश में लगातार जंगलराज बढ़ रहा है और यह सब सरकार की निगरानी में ही हो रहा है इसलिए हमने यह तय किया है कि हम अब सड़क पर उतरकर प्रदेश भर के आदिवासी भाई-बहनों के बीच जाएंगे और उनको इस बात से पुनः अवगत कराएंगे कि यह वही सरकार है जो आपको आदिवासी भी मानने से इनकार करती है और आपको वनवासी होने का तमगा देना चाहती है। यह वही सरकार है जो लगातार आदिवासी हितों के लिए बनाए गए "PESA" कानून को कमजोर करने के प्रयत्न कर रही है।
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सीधी से होगी यात्रा की शुरुआत
डॉ. भूरिया का कहना है कि यात्रा सीधी से "आदिवासी स्वाभिमान यात्रा" को प्रारंभ कर 17 जिलों से होते हुए प्रदेश के सभी वर्गों पर बढ़ रहे अत्याचारों को उजागर करते हुए प्रत्येक आदिवासी जन की आवाज बनेंगे। हितों को मजबूती देने का काम करेंगे। यात्रा कुल 20 दिन की होगी जिसमें एक दिवस का हॉल्ट 30 जुलाई को होगा,17 जिले और 36 विधानसभा से हम "आदिवासी स्वाभिमान" पर जनचर्चा करते हुए आगे बढ़ेंगे और इस यात्रा का समापन हम 7 अगस्त 2023 को झाबुआ में करेंगे।