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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी और निगमायुक्त हर्षिका सिंह दोनों को ही हाईकोर्ट से अवमानना को लेकर नोटिस जारी हुए हैं और चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है। मामला शहर में पेयजल की समस्या को लेकर दायर अवमानना याचिका को लेकर है। हालांकि, मामला सात साल पुरानी याचिका का है जिसमें पेयजल को लेकर जो वादे किए गए थे वह पूरे नहीं किए गए। इसके चलते अवमानना याचिका लगी थी। जिस पर यह नोटिस हुए हैं। इसके पहले गुरुवार को ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी बावड़ी हादसे को लेकर दोनों को नोटिस जारी कर उपस्थित रहने के आदेश दिए थे। उधर अवैध कॉलोनी अशरफ नगर में खजराना गणेश मंदिर के साथ ही भूमाफिया दीपक मद्दा के नाम वाले और ईडी में अटैच सर्वे नंबर के भी नियमितीकरण प्रक्रिया के प्रस्ताव में शामिल कर दावे बुलाए जाने को लेकर पहले ही जिला प्रशासन और नगर निगम पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
साल 2015 से चल रही याचिका में नहीं किए वादे पूरे
पूर्व पार्षद महेश गर्ग के द्वारा वर्ष 2015 में शहर में पेयजल की अव्यवस्था को लेकर जनहित याचिका दायर की थी। साल 2016 में स्वीकार करते हुए निगम के आश्वासन को मद्देनजर रखते हुए आदेशित किया था, कि जल्द ही शहर की जनता को 24 घंटे साफ नर्मदा का जल मिलेगा। साथ ही गलत तरीके से लगे सभी निजी बोरिंग और ट्यूबवेल हटाए जाएंगे। अमृत योजना 2019 तक पूर्ण कर शहर की जनता को रोज सुगम जल वितरण किया जाएगा। इस आधार पर निगम के आश्वासन पर न्यायालय ने उपरोक्त याचिका स्वीकार की थी।
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इस आधार पर हुए नोटिस
याचिकाकर्ता की और से अधिवक्ता मनीष यादव, अदिति मनीष यादव ने अवमानना याचिका की सुनवाई में तर्क रखे कि न्यायालय के आदेश के 7 साल बीत जाने के बाद भी शहर की पेयजल व्यवस्था ठीक नही है, कई जगह टैंकर से जल वितरण करना पड़ रहा है। महापौर 24 घंटे जल देने की बात कर रहे है, लेकिन शहर में कही भी ऐसी व्यवस्था नहीं है कई जगह गंदे पानी की समस्या है, एक दिन छोड़कर नल आते हैं और बिल पूरे महीने का वसूला जाता है, न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। अमृत योजना 2019 तक पूरी हो जानी थी, जोकि 2023 तक भी नही हुई, इन तर्कों से सहमत होकर प्रशासनिक न्यायमूर्ति शुश्रुत धर्माधिकारी एवम न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा कोर्ट ने कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी और निगमायुक्त हर्षिका सिंह से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
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एनजीटी ने पेश होने के दिए हैं निर्देश
इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर बावड़ी हादसे में रामनवमी को 30 मार्च को हुए बावड़ी हादसे में 36 लोगों की जान चली गई थी। बाद में बावड़ी पर मलबा डालकर बंद कर दिया गया। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोनल बेंच, भोपाल ने घटना का स्वतः संज्ञान लेकर प्रदेश सरकार तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मध्यप्रदेश को तलब किया था। प्रियांशु गुप्ता के आवेदन पर उपस्थित अभिभाषक हादसे का स्पष्टीकरण करण नहीं दे पाए जिसके कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोनल बेंच, भोपाल ने जिला कलेक्टर इंदौर, निगम आयुक्त और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को आगामी सुनवाई दिनांक 29 अगस्त को व्यक्तिगत उपस्थित होने के आदेश किए हैं। कौशल ने यह भी बताया की हादसे को लगभग 132 दिवस हो चुके हैं परन्तु अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। यहां तक कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे जिसे 15 दिवस में पूर्ण करना था जिसे भी लगभग 115 दिवस पूर्ण हो चुके हैं। परन्तु आज दिनांक तक जांच पूरी नहीं हुई है और जांच अधिकारी अपर कलेक्टर का प्रमोशन भी कलेक्टर के रूप में हो गया है।