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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में चुनावी साल के चलते लगातार कर्मचारी धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच अनियमित कर्मचारी मोर्चा के कर्मचारी सड़क पर उतर गए। वहीं, नवा रायपुर के तूता में विरोध-प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया। नवा रायपुर में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे अनियमित कर्मचारियों को पुलिस ने रोका, इसके बाद पुलिस के साथ कर्मचारियों की काफी देर तक धक्का-मुक्की होती रही। इसके साथ ही 28 जिलों में करीब 45 हजार संविदाकर्मियों ने इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शन के दौरान इन कर्मचारियों ने कांग्रेस भगाओ के नारे लगाए। ज्ञापन की प्रतियां जला दीं।
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि 28 जिलों में कर्मचारियों ने अपना इस्तीफे अलग-अलग जिलों में जिला प्रशासन को सौंप दिए हैं। इसके बाद अब 15 जुलाई को रायपुर के तूता धरना स्थल में इस्तीफे के बंडल सरकार को सौंप दिए जाएंगे, कर्मचारी लगातार वादाखिलाफी सहते आ रहे हैं। हमारी प्रमुख मांग नियमितीकरण है, जिसका वादा खुद कांग्रेस ने किया था इस वजह से कर्मचारियों में आक्रोश है।
कर्मचारियों से आंदोलन को BJP का समर्थन
इस दौरान प्रदेश बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के साथ प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी, विजय शर्मा और केदार कश्यप सहित बीजेपी नेताओं के साथ शुक्रवार को सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले तूता में आंदोलित कर्मचारियों से आंदोलन स्थल पर पहुंचकर अपना पूरा समर्थन दिया।
सरकार बनते ही मांगे पूरी करेंगे: अरुण साव
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कर्मचारियों को विश्वास दिलाया कि बीजेपी की सरकार बनते ही कर्मचारियों की न्यायसंगत मांगें पूरी की जाएगी। साव ने कहा कि धूप, गर्मी, ऊमस और बारिश के बावजूद अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे कर्मचारियों के हजारों परिवार की चिंता करने के बजाय प्रदेश के कांग्रेस नेता एक खानदान, एक परिवार की सेवा-चाकरी और चिंता कर रहे हैं। कांग्रेस ने अपने पिछले चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि सत्ता में आते ही 10 दिन में संविदा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाएगा, लेकिन सरकार वादा पूरा करने में टाल-मटोल करती रही। बहानेबाजी करती रही।