JAIPUR. राजस्थान के स्कूलों में सूर्य नमस्कार को लेकर 8 साल बाद एक बार फिर भी बात की स्थिति बनती दिख रही है। राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर सुरेश सप्तमी के अवसर पर प्रदेश के स्कूलों में सूर्य नमस्कार का रिकॉर्ड बनवाना चाहते हैं और उसके लिए सभी स्कूलों में सूर्य नमस्कार करने के निर्देश दिए गए हैं। उधर सरकार के निर्णय को लेकर मुस्लिम संगठनों का कहना है कि ये आस्था का विषय भी है और स्वास्थ्य का विषय भी है इसलिए इसे जबरन लागू न किया जाए।
देश में होगा सबसे बड़ा कार्यक्रम
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि अगले महीने 16 फरवरी को सूर्य सप्तमी है और इस अवसर पर हम एक बड़ा आयोजन प्रदेश स्तर का करना चाह रहे हैं। इसमें सभी स्कूलों में सूर्य नमस्कार होंगे। इसकी प्रैक्टिस भी स्कूलों में करवाई जाएगी। दिलावर ने कहा कि उस दिन सभी विद्यालय में कार्यक्रम होगा। इसमें भामाशाह और समाजसेवियों का सहयोग लिया जाएगा। ये लोग सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, ग्रामवासी व अन्य राजनीतिक क्षेत्र के होंगे। हम ऐसा कार्यक्रम करना चाहते हैं जो देश में सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा, जिसमें एक साथ सबसे ज्यादा व्यक्ति एक साथ सूर्य नमस्कार करेंगे।
सूर्य सप्तमी पर होगा कार्यक्रम
मदन दिलावर ने कहा कि प्रार्थना सुबह में कम से कम 15 सूर्य नमस्कार का अभ्यास रोज विद्यार्थी करें। मंत्री ने कहा कि सूर्य के प्रकाश से ही हम सब कुछ कर पा रहे हैं, इसलिए सूर्य सप्तमी पर एक बड़ा कार्यक्रम भी हो जाएगा और लोगों में व्यायाम करने की रुचि भी रहेगी। एक बार पहले 15 फरवरी तक सूर्य नमस्कार करना अनिवार्य रखेंगे। जब एक बार विद्यार्थियों की व्यायाम करने की आदत बन जाएगी, तब वे अपने आप ही स्कूलों में सूर्य नमस्कार करेंगे।
अनिवार्य ना करें
उधर इस मामले में जमाते इस्लामी हिंद के नेशनल जॉइंट सेक्रेटरी डॉक्टर मोहम्मद इकबाल सिद्दीकी का कहना है कि सूर्य नमस्कार को अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए। ये बहुत से लोगों के लिए आस्था का विषय भी है और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी सही नहीं है। उन्होंने कहा कि बहुत से बच्चे सूर्य को नमस्कार नहीं कर सकते हैं। वहीं सुबह के समय बच्चे नाश्ता कर स्कूल पहुंचते हैं, जबकि सूर्य नमस्कार खाली पेट किया जाना चाहिए। ऐसे में ये बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को उसके अनिवार्यता के बारे में पुनर्विचार करना चाहिए।
2015 में भी हुआ था विवाद
सूर्य नमस्कार की अनिवार्यता को लेकर पहले भी विवाद की स्थिति बन चुकी है। केंद्र सरकार ने 2015 में जब 21 जून को योग दिवस की घोषणा की थी उस समय भी सूर्य नमस्कार को लेकर विवाद की स्थिति बनी थी। तब राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ही थी और राजस्थान के स्कूलों में इसे अनिवार्य कर दिया था और उस समय भी मुस्लिम संगठनों का कड़ा विरोध सामने आया था। हालांकि 2018 में तत्कालीन बीजेपी सरकार ने इसकी अनिवार्यता समाप्त कर दी थी।