भोपाल. भोपाल के आंचल चिल्ड्रन होम से 26 बच्चियों के गायब होने की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्चियों के धर्मांतरण की बात भी सामने आई है। संस्था का संचालक अलि मैथ्यू को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश की राजधानी में यह सब हो रहा था और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निरीक्षण के बाद इस मामले का खुलासा हुआ तो सभी दंग रह गए। आइए, हम आपको बताते हैं कि आंचल चिल्ड्रन होम कैसे अपने कारनामों को अंजाम देता था।
'मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि आंचल चिल्ड्रन होम के जरिए गरीब और जरूरतमंद बच्चों का धर्मांतरण किया
जा रहा था। विदेशों से फंडिंग और देशभर में फैले इसके नेटवर्क के जरिए बच्चियों को यहां लाया जाता था।'
राजधानी के आसपास से लाई जाती थीं बच्चियां
भोपाल के परवलिया क्षेत्र में आंचल मिशनरी संस्था की ओर से चिल्ड्रन होम का संचालन किया जा रहा था। यहां रायसेन, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सीहोर, विदिशा से अनाथ या अन्य संस्थाओं की ओर से संरक्षण के लिए बच्चियां लाई जाती थीं।
निरीक्षण में 68 में से 26 बच्चियां गायब मिली है।
की 41 बच्चियां ही मिली है। गायब बच्चियों को कोई रिकॉर्ड भी नहीं मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बालगृह का रजिस्ट्रेशन नहीं है। पिछले दिनों राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने यहां निरीक्षण किया। इस दौरान 68 में से 26 बच्चियां गायब थीं। मामला बढ़ने पर प्रशासन सक्रिए हुआ और बच्चियों को ढूंढ लिया गया। रेस्क्यू की गई 6 से 18 साल तक की बच्चियों में 3 मुस्लिम, 3 क्रिश्चियन और 35 हिंदू हैं। यहां रह रहीं 68 में 39 बच्चियों को उनके परिवार को सौंप दिया गया है।
धर्मांतरण की बात भी सामने आई
हॉस्टल में कई धर्म की बच्चियां रह रहीं थीं, लेकिन यहां ईसाई धर्म के अनुसार ही प्रार्थना कराई जाती है। राज्य बाल आयोग की सदस्य निवेदिता शर्मा ने बताया, 'निरीक्षण के दौरान मैंने एक बच्ची से बात की। पूछा- बेटा आप लोग अपनी प्रार्थना नहीं करते। उसने बताया कि करते थे। लड्डू गोपाल की प्रतिमा थी। इसे विसर्जित करा दिया। संस्था के संचालक के खिलाफ अवैध धर्मांतरण का केस भी दर्ज किया गया है।
विदेशों से फंडिंग
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसर आंचल चिल्ड्रन होम का संचालन कर रही संजीवनी सर्विसेस सोसाइटी को जर्मनी से लगातार करोड़ों की फंडिंग मिली है। साल 2020 में ही एक करोड़ 22 लाख रुपए से ज्यादा का फंड इसे दिया गया। इसके अलावा भी खुलेतौर पर अन्य देशों व लोगों से सेवा के नाम पर फंड करने की जानकारी सामने आई है।