GWALIOR. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई ) विभाग में हुए 16 करोड़ रुपए के घोटाले में उन खातों को सीज किया गया, जिसमें घोटाले की राशि पहुंचाई गई थी। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने सोमवार, 7 अगस्त को खातों को सीज करने के लिए संबंधित बैंकों को लेटर भेजे। टीम ने ट्रेजरी ऑफिस पहुंच कर अफसरों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की।
पुलिस ने दो दिन में मांगा ट्रेजरी से रिकॉर्ड
पुलिस ने बताया कि ट्रेजरी से रिकॉर्ड मिलने के बाद बहुत कुछ जानकारी सामने आएगी। इसके लिए ट्रेजरी ऑफिस को दो दिन में रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए कहा है। इस घोटाले में मुख्य आरोपी के अलावा और भी कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं। पुलिस मामले में संदिग्धों की भूमिका की जांच कर रही है।
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जांच टीम भोपाल ले गई दस्तावेज
पीएचई के संधारण खंड-1 में हुए 16 करोड़ 42 लाख 13 हजार 33 रुपए के फर्जी भुगतान की जांच अभी चल रही है। वहीं फर्जी भुगतान लेने वाले 16 खातेदारों ने बैंक में दो करोड़ 63 लाख 31 हजार के करीब राशि जमा करा दी है। सीनियर ट्रेजरार अरविंद शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। साथ ही बताया कि सोमवार को एक खाते में 11 लाख 9 हजार से ज्यादा राशि जमा की गई। विभाग के चीफ इंजीनियर आरएलएस मौर्य ने बताया कि भोपाल से आई पांच सदस्यों की टीम केस से जुड़े दस्तावेज ले गई है। दस्तावेज पेन ड्राइव में ले जाए गए हैं।
कार्यपालन यंत्रियों से 5 साल के भुगतान का हिसाब मांगा
जानकारी के मुताबिक इस घोटाले में लगभग एक सप्ताह में पूरी रिपोर्ट सामने आ जाएगी। चीफ इंजीनियर मौर्य ने सभी कार्यपालन यंत्रियों को निर्देश जारी किए हैं। जिसमें इन सभी से पिछले 5 साल में किए गए भुगतान की जांच के आदेश दिए हैं।