Raipur. छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा माना जाता है। लेकिन इस बार प्रदेश में धान के रकबे में कटौती देखने को मिल रही है। इसके साथ ही दलहन और तिलहन के रखने में इजाफा किया गया है। इसके लिए अगर जगदलपुर दुर्ग और राजनांदगांव की बात करें तो यहां कटौती देखने को मिली है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि खरीफ फसल कार्यक्रम का प्रस्ताव बनकर तैयार है। इसमें धान के रकबे में कम पर दलहन और राजीव को बढ़ावा दिया जा रहा है।
राजनांदगांव में देखने मिली कटौती
राजनांदगांव में इस साल धान के रकबे में 1 हजार एक्टर की कटौती देखने को मिली है। वहीं दलहन तिलहन और रागी के रखने में काफी बढ़ोतरी की गई है। किस पर कृषि विभाग का कहना है कि रागी की मांग बढ़ गई है। जिसके कारण उसके क्षेत्रफल को बढ़ाया गया है वहीं पिछले साल 73 हजार हेक्टेयर पर धान की फसल की गई थी। जिसे इस बार 72 हजार हेक्टेयर कर दिया गया।
दुर्ग में 6 हजार हेक्टेयर की कमी
दुर्ग में पिछले साल 1लाख 35 हजार 100 हेक्टेयर पर धान की खेती की गई थी। लेकिन इस बार यह आंकड़ा घटकर 1 लाख 29 हजार 50 हेक्टेयर कर दिया गया है। वहीं 2021-22 में 1 लाख 34 हजार हेक्टेयर पर धान की खेती की गई थी। अब छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा धान के रकबे को कम कर दलहन और तिलहन के रकबे को बढ़ाया गया है।
जगदलपुर में 11 हजार हेक्टेयर की कमी
खरीद के सीजन के शुरुआती दौर में बस्तर के धान फसल के क्षेत्रफल में पिछले 1 साल में करीबन 11 हजार हेक्टेयर रकबे की कमी देखी गई है। मिली जानकारी के अनुसार पिछले 1 साल में लगभग 10910 हेक्टेयर धान का क्षेत्रफल कम हुआ है। वहीं पिछले साल धान का रकबा पूरे जिले के सातों ब्लॉक में 1 लाख 21 हजार 900 हेक्टेयर था।