BHOPAL. मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायक दल की पहली बैठक में भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में गुरुवार को हुई। जिसमें नेता प्रतिपक्ष को लेकर एक लाइन का प्रस्ताव पारित हुआ। जिस पर अब फैसला दिल्ली हाईकमान करेगा। इस बैठक में पीसीसी चीफ कमलनाथ शामिल नहीं हुए। हालांकि बैठक में प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भंवर जितेंद्र सिंह और दिग्विजय सिंह मौजूद रहे।
बाद में मीडिया से चर्चा में चुरहट विधायक अजय सिंह ने कहा कि बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित हुआ और अब नेता प्रतिपक्ष का फैसला दिल्ली हाईकमान करेगा।
कमलनाथ क्यों नहीं पहुंचे
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पीसीसी चीफ कमलनाथ के नहीं पहुंचने की सबसे ज्यादा चर्चा रही। हालांकि, पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि कमलनाथ का कार्यक्रम छिंदवाड़ा जिले में पहले से तय है। इसलिए वे बैठक में नहीं आए। वहीं जब दिग्विजय सिंह से नेता प्रतिपक्ष के फैसले के सवाल पर सीधा जवाब देने के बजाय कहा कि कैबिनेट का गठन हो गया क्या ?
आदिवासी विधायक के नेता प्रतिपक्ष बनने की संभावना
बीजेपी ने ओबीसी वर्ग से सीएम बनाने के साथ ही सामान्य और अनुसूचित जाति वर्ग से एक-एक डिप्टी सीएम बनाए हैं। ऐसे में कांग्रेस में आदिवासी विधायक को नेता प्रतिपक्ष की कमान देने पर विचार हो रहा है। हालांकि, कांग्रेस में ओबीसी चेहरे के तौर पर विजयपुर विधायक रामनिवास रावत और ओबीसी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाह के नाम भी चर्चा में हैं। वहीं, संसदीय मामलों में अनुभवी नेताओं के तौर पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह 'राहुल भैया', पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष और अमरपाटन से विधायक राजेंद्र कुमार सिंह को लेकर भी नेता प्रतिपक्ष की रेस में माना जा रहा है।
आदिवासी नेताओं में इनके नाम शामिल
आदिवासी नेताओं में उमंग संघार, ओमकार सिंह मरकाम और बाला बच्चन के नाम सबसे आगे हैं। यहां जानते हैं तीनों आदिवासी नेताओं की प्रोफाइल-
- उमंग सिंघार- मप्र की पूर्व डिप्टी सीएम स्वर्गीय जमुना देवी के भतीजे और धार जिले की गंधवानी सीट से चौथी बार के विधायक हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, आईसीसी में एसटी कांग्रेस में राष्ट्रीय सदस्य के साथ ही झारखंड के सहप्रभारी रह चुके हैं।
- ओमकार सिंह मरकाम- डिंडोरी से चौथी बार विधायक हैं। कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी (सीईसी) के सदस्य हैं। अपने क्षेत्र से लेकर भोपाल तक सक्रिय और निर्विवाद छवि है।
- बाला बच्चन- कमलनाथ सरकार में गृहमंत्री रहे। छठवीं बार के विधायक हैं। बड़वानी जिले की राजपुर सीट से विधायक बाला बच्चन कमलनाथ के करीबी हैं। कमलनाथ की पसंद का ध्यान रखा गया तो नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है।