BHOPAL. प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक है और राजधानी अलग-अलग संगठनों के प्रदर्शन का अखाड़ा बन गया है। मंगलवार 25 जुलाई को भोपाल में आंबेडकर पार्क में त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के लोग एकत्रित हुए। संगठन के पदाधिकारियों ने मंच से अधिकारों और मांग के लिए हुंकार भरी। प्रदेश भर से जुटने वालों की संख्या लगभग पांच सौ से अधिक रही।
प्रदेश सरकार ने विकास के नाम पर झुनझुना पकड़ाया
पंच सरपंच जनपद, जिला पंचायत सदस्य काम के लिए हाथ पर हाथ रखकर बैठें है। मंडी बोर्ड, माइनिंग फंड स्टाम्प शुल्क का सभी चीजों का पैसा सरकार ले रही है और विकास के नाम पर झुनझुना पकड़ा दिया है। क्षेत्र में विकास करने के लिए जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य दोनों में से किसी को पैसा नहीं मिलता है। पंचों के पास कोई अधिकार है नहीं है। बैठकें हो नहीं रही है। प्रदेश में बहुत भयानक स्थिति बनी हुई है।
सत्ता को पलटने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे
विदिशा से जिला पंचायत सदस्य अवनीश भार्गव का कहना है की त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधि सीधे जनता के बीच से चुनकर आते हैं। वो भी बिना किसी राजनीतिक पार्टी के चिन्ह के हम जनता से डायरेक्ट जुड़े हैं। जनता हमसे काम की गुहार लगाती है, लेकिन सरकार की नीतियों के आगे हम मजबूर हैं। क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं कर पाते हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो त्रिस्तरीय पंचायत संगठन अपनी शक्ति दिखाएगा अगर अधिकारों की मांग पूरी नहीं होती है तो सत्ता को पलटने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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ट्रांसफर पॉलिसी में शामिल करें
सिंगरौली जिला पंचायत सदस्य संदीप कुमार शाह का कहना है की प्रदेश में पंचायत सचिव, शिक्षक आदि के ट्रांसफर में जनपद और जिला पंचायत सदस्य को अधिकारिक रूप से शामिल किया जाए। अगर हमारी मांगें पूरी नहीं होती है तो हम सीएम शिवराज सिंह चौहान से लेकर भाजपा विधायक किसी को भी प्रदेश की एक भी पंचायत में घुसने नहीं देंगे। जिला पंचायत सदस्य के अंडर में 40 से अधिक गांव आते हैं, लेकिन संसाधनों के अभाव में गावों तक नहीं पहुंच पाते हैं। बाइक से किस-किस गांव तक जाए।