राजस्थान में शांति और अहिंसा विभाग गांधीवादी विचारों से आमजन को जोड़ेगा, कार्यक्रमों के लिए 5.31 करोड़ की स्वीकृति

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Jitendra Shrivastava
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राजस्थान में शांति और अहिंसा विभाग गांधीवादी विचारों से आमजन को जोड़ेगा, कार्यक्रमों के लिए 5.31 करोड़ की स्वीकृति

JAIPUR. शांति एवं अहिंसा निदेशालय द्वारा प्रदेशभर में गांधीजी के सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 5.31 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान को मंजूरी दी है।



जुलाई से दिसंबर 2023 तक कराए जाएंगे



कार्यक्रम जुलाई 2023 से दिसंबर 2023 तक कराए जाएंगे। इनमें प्रदेश स्तरीय शांति सम्मेलन, संभाग स्तरीय अहिंसा सम्मेलन, पूरे प्रदेश में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन, कस्तूरबा दर्शन, अस्पृश्यता निवारण, नशा मुक्ति, आर्थिक असमानता व धर्म तथा शांति विषय पर राष्ट्रीय कार्यक्रम, प्रदेश एवं संभाग स्तरीय कौमी एकता कार्यक्रम, प्रदेश स्तरीय खादी और गांधीवादी संस्थाओं का सम्मेलन, गांधीजी के ग्राम स्वराज विषय पर चिंतन शिविर तथा गांधी दर्शन अर्द्धकुंभ व कुंभ के आयोजन शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि समाज में आपसी भाईचारे तथा युवाओं को गांधीजी के सिद्धांतों को अपनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों एवं आयोजनों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है। 



महात्मा गांधी के जीवन को जानने का अवसर मिलेगा



शांति और अहिंसा विभाग का गठन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा था राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है जहां इसका किया गया है। इसके साथ ही, ब्लॉक स्तर पर इस विभाग के द्वारा लोगों को इस संबंध में प्रशिक्षित भी किया गया है। जयपुर में बन रहा गांधी संग्रहालय भी अपनी तरह का विशिष्ट संग्रहालय होगा, जिससे लोगों को महात्मा गांधी के जीवन और उनके कार्यों को जानने का अवसर मिलेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पाली जिले के कलेक्टर कार्यालय में पंचधातु से निर्मित प्रतिमा का अनावरण भी किया।



शांति और अहिंसा विभाग राज्य सरकार की अभिनव पहल



राज्य सरकार ने वर्ष 2022 में शांति और अहिंसा विभाग की स्थापना की। इसका उद्देश्य गांव-ढाणी और प्रत्येक प्रदेशवासी तक शांति और अहिंसा की भावना विकसित करना है। प्रदेश में विभाग के माध्यम से राज्य स्तर, सम्भाग स्तर और जिला स्तर पर महात्मा गांधी के जीवन दर्शन पर आधारित प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाता है। इन प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से दूरदराज गांवों तक के हजारों युवा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन आदर्शों के साथ-साथ शांति और अहिंसा के महत्व को आत्मसात कर रहे हैं।



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विभाग द्वारा गांधीवादी विचारों से आमजन को जोड़ा जा रहा है 



राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जनभागीदारी के माध्यम से शांति और अहिंसा द्वारा बुराई का प्रतिकार करना सिखाया। स्व. राजीव गांधी ने पंचायतीराज में 33 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण देकर लोकतंत्र में जनभागीदारी को सुदृढ़ करने का कार्य किया। शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा ने बताया कि निदेशालय द्वारा गांधी दर्शन के प्रसार हेतु प्रदेश के सभी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से आमजन को गांधीवादी विचारों से जोड़ा जा रहा है। 


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