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DHOLPUR. राजस्थान के वन्य जीव प्रेमियों का इंतजार अब खत्म हो गया है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व को अंतिम मंजूरी दे दी है। अब धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट में 50 गांवों को विस्थापित किया जाएगा। विस्थापित होने वाले लोगों को जमीन के साथ कैश का ऑफर भी मिलेगा।
50 गांवों का होगा विस्थापन
धौलपुर-सरमथुरा-करौली टाइगर रिजर्व को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी से मंजूरी मिल गई है। धौलपुर-सरमथुरा-करौली टाइगर रिजर्व राजस्थान का 5वां और भरतपुर संभाग का दूसरा टाइगर रिजर्व होगा। धौलपुर जिले के सरमथुरा उपखंड के करीब 50 गांव विस्थापन होंगे।
विस्थापन के लिए जल्द ही शुरू होगा सर्वे
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही गांवों के विस्थापन के लिए सर्वे शुरू होगा। विस्थापन के दायरे में आने वाले गांवों की लिस्ट बनाई जा रही है। ग्रामीणों को विस्थापन और मुआवजा राशि के बारे में बताया जाएगा। ग्रामीणों से सहमति पत्र लेना प्राथमिकता में शामिल है। इसके बाद ही टाइगर रिजर्व बनाने का काम शुरू होगा।
विस्थापितों को कैश और लैंड पैकेज
NTCA ने टाइगर रिजर्व क्षेत्र से विस्थापित होने वालों के लिए मुआवजा राशि को बढ़ा दिया है। विस्थापन के लिए 2 पैकेज का ऑफर दिया जाएगा। इसमें कैश और लैंड पैकेज दिया जाएगा, लेकिन उसका आधार 15 लाख रुपए ही होगा। उदाहरण के तौर पर 18 साल से ऊपर के पुरुषों को 15 लाख के हिसाब के मुआवजा दिया जाएगा। 18 साल से ऊपर के व्यक्तियों को एक परिवार माना गया है। अगर किसी परिवार में 4 लोग 18 प्लस हैं तो उन्हें 60 लाख रुपए मुआवजा मिलेगा।
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धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व 1075 स्क्वायर किलोमीटर में फैला
वन विभाग के मुताबिक धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व 2 तरह के एरिया में फैला है। पहला कोर एरिया 580 स्क्वायर किलोमीटर का है। वहीं दूसरा एरिया 495 स्क्वायर किलोमीटर में फैला है। कुल मिलाकर धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व 1075 स्क्वायर किलोमीटर में फैला है। धौलपुर टाइगर रिजर्व में इस वक्त 2 टाइगर हैं। एक फीमेल T-117 और दूसरा मेल T-116। इसके साथ ही उनके 3 शावक हैं। कुछ दिनों पहले ही बाघों का मूमेंट देखा गया था।