मप्र में स्वसहायता समूह से शुरू दीदी कैफे की हालत खस्ता, वल्लभ भवन और जिला पंचायत कार्यालय के कैफे में न डिश बचीं न स्टाफ

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Neha Thakur
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मप्र में स्वसहायता समूह से शुरू दीदी कैफे की हालत खस्ता, वल्लभ भवन और जिला पंचायत कार्यालय के कैफे में न डिश बचीं न स्टाफ

BHOPAL. मध्यप्रदेश के रायसेन में महिला सशक्तिकरण एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से कुछ महिलाओं ने स्वसहायता समूह के माध्यम से दीदी कैफे एंड रेस्टोरेंट 3 साल पहले शुरू किया था। भोपाल के वल्लभ भवन और जिला पंचायत में खुले इस कैफे में अब न तो डिश बचीं न स्टाफ। दरसअल, साल 2022 में मुख्यमंत्री ने 52 जिलों में ऐसे 127 आउटलेट्स की औपचारिक शुरुआत की थी। रेस्टोरेंट का संचालन करने के लिए 10 महिलाओं का एक समूह बनाया गया है। इस कैफे में 200 लोगों को नाश्ता और भोजन देने की व्यवस्था की गई थी।



महिलाओं को दिया गया था प्रशिक्षण



महिलाओं के स्वावलंबन की दिशा में इस कैफे एंड रेस्टोरेंट के संचालन के लिए महिलाओं को मप्र सरकार द्वारा प्रशिक्षित भी किया गया है। जनपद पंचायत कार्यालय के परिसर में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एसआरएलएम द्वारा महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से दीदी कैफे एंड रेस्टोरेंट का संचालन शुरू किया गया है। इस रेस्टोरेंट का संचालन होटल मैनेजमेंट का कोर्स पूर्ण करके आईं समूह की 3 महिलाओं द्वारा किया गया था। इस कैफे एंड रेस्टोरेंट में लोगों को चाय, नाश्ता एवं पानी सहित भोजन आपूर्ति हेतु टिफिन सेंटर की सुविधा संचालित किया गया।



ग्वालियर और सांची में आउटलेट हुए शुरू



राज्य आजीविका मिशन के मुताबिक प्रदेशभर में वर्तमान में 132 आउटलेट्स हैं। कुछ महीनों में कैफे के अलावा फूड ट्रक और कियोस्क की तर्ज पर आउटलेट्स खोले गए हैं। फूड ट्रक ग्वालियर और सांची में शुरू हो चुका हैं। साथ ही मिशन द्वारा महिला स्वसहायता समूहों को कैटरिंग के बिजनेस में उतारने की प्लानिंग चल रही है। राज्य आजीविका मिशन के सीईओ एलएम बेलवाल का कहना है कि सीएम हाउस के लगभग 100 स्टाफ सहित लगभग 100 आगंतुक दीदी कैफे का उपयोग कर सकेंगे।



प्रतिमाह 3 लाख बिक्री का अनुमान



इस कैफे के माध्यम से प्रतिमाह 3 लाख रुपए बिक्री का अनुमान है और 8 महिलाओं का स्टाफ होगा। महिलाओं की ट्रेनिंग आईएचएम, भोपाल में हो चुकी है। बेलवाल के मुताबिक वित्तीय वर्ष के अंत तक इन आउटलेट्स की संख्या 200 और अगले साल तक हर ब्लॉक में खोलकर 300 करने की योजना है।



इस विवि में जल्द खुलेंगे आउटलेट



भोपाल की बरकतुल्ला और रवीन्द्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी में भी इन आउटलेट खोलने पर काम चल रहा है। साथ ही अटल बिहारी सुशासन संस्थान में जल्द ही कैफे खुल जाएगा। वल्लभ भवन और जिला पंचायत में खुले कैफे अधिकृत थे, बाकी शहर में ‘दीदी कैफे’ नाम से खुले आउटलेट सीधे मिशन से जुड़े नहीं थे।



शेड के नीचे संचालित हो रहा कैफे



भोपाल जिला पंचायत ऑफिस के कार्यालय परिसर में शेड के नीचे कैफे संचालित हो रहा है। बिना कवर्ड कैफे में बारिश के दिनों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यहां मौजूद महिला निकिता परते ने कहा कि नींबू पानी, चाय-कॉफी, भजिया और पोहा ही मिलता है। उद्घाटन के समय समोसा-कचोरी सहित लगभग 7 डिश मिलती थी दो कर्मचारी हैं। पति की मौत के बाद अयोध्या बाई इस साल नियमित नहीं आती। हालांकि निकिता ने दावा किया कि दोनों को 8000-10000 मासिक आय हो जाती है। 2021 में उद्घाटन के समय समूह की मुखिया ज्योति अग्रवाल और 12 महिलाएं थीं।



वल्लभ भवन कैफे के हाल



रोशनी और उसकी साथी ने बताया कि शुरुआत में 15-16 महिलाएं थी जो अब 7 महिलाएं ही बची हैं। दैनिक बिक्री भी 10000-15000 डेली से घटकर 8000-9000 रह गई है। कम स्टाफ होने से अधिक चीजें नहीं बना पाते। 30 चीजों के मेन्यू में लगभग दो दर्जन डिश ही उपलब्ध हैं।


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