संजय गुप्ता, INDORE. पटवारी परीक्षा के मेरिट होल्डर और चयन की सूची सामने आने के बाद से ही धांधली के आरोप लग रहे हैं और लगातार एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। हॉल ही में टॉपर (टॉप 3) रही ग्वालियर की पूनम राजावत का जिन्होंने 177.40 अंक हासिल किए। उनका इंटरव्यू सामने आया था, जिसमें वह कई आसान सवालों के जवाब नहीं दे सकी थी। वहीं इस परीक्षा में मुरैना के जौरा तहसील से त्यागी सरनेम वाले 15 दिव्यांग के एक साथ चयन पर भी सवाल उठे हैं, इसमें 12 तो बहरेपन के शिकार बताए गए हैं। इसमें एक उम्मीदवार रमाकांत त्यागी भी है। सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों के बीच वह 'द सूत्र' के सामने आए और हमसे सीधी बात की। वीडियो कॉल पर हुई चर्चा के दौरान उन्होंने चलकर बताया कि वह अस्थि बाधित है और उनके आए अंक 125 व चयन बिल्कुल सही है, बोले मुझे अन्य के सर्टिफिकेट और चयन के बारे में नहीं पता लेकिन मेरा चयन बिल्कुल सही है।
रमाकांत त्यागी ने यह बातें कहीं
त्यागी ने 'द सूत्र' को बताया कि उनका पटवारी परीक्षा में सेंटर मालवा इंस्टीट्यूट ग्वालियर का था। मैं सात साल से 2016 से परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं, साल 2017 से पीएससी व अन्य परीक्षा दे रहा था। साल 2017 और 2018 में मैंने पीएससी का इंटरव्यू दिया था, अभी 2019 का भी इंटरव्यू दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरा नाम भी चल रहा है कि फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट हैं, लेकिन मेरा सर्टिफिकेट गलत नहीं है। जौरा तहसील में 43 गांव है, यहां अलग-अलग गांव से त्यागी सरनेम के उम्मीदवार है, मुझे इनकी जानकारी नहीं है, लेकिन मुझसे कभी किसी ने संपर्क नहीं किया कि इतने रुपए दे दो तो सिलेक्शन हो जाएगा। मुझे इसकी जानकारी नहीं है।
'द सूत्र' ने परीक्षा में आए सवाल ही पूछे तो दिए सही जवाब
'द सूत्र' ने उनसे कुछ सवाल भी किए खासकर जो पटवारी परीक्षा में आए थे, जैसे नर्मदा नदी कहां से निकलती है (अमरकंटक से), मप्र के पहले सीएम कौन थे (पंडित रविशंकर शुक्ल), राज्यपाल कौन है (उन्होंने श्रीमती मंगूभाई कहा), मप्र में तालाब की नगरी किसे कहते हैं (भोपाल को), स्तूप कहां पर है (सांची, रायसेन), मप्र में विधानसभा सीट कितनी है (230), तानसेन को कहां दफनाया गया था (ग्वालियर), 1857 आंदोलन की शुरूआत कहां से हुई थी (मेरठ से)। यह सभी सवालों के उन्होंने यह जवाब दिए हैं।
त्यागी सरनेम के दिव्यांगों के चयन को लेकर यह उठे थे सवाल
मुरैना के जौरा क्षेत्र से त्यागी सरनेम के 15 उम्मीदवारों के चयनित होने सवाल खड़े हुए हैं। हालांकि, इनके परीक्षा केंद्र अलग-अलग थे, लेकिन है सभी एक ही एरिया के। सबसे आश्चर्य की बात यह थी कि इसमें 12 उम्मीदवारों को एक ही विकलांगता बहरेपन की रही है। सभी ने एचईएच (कम सुनाई देने) वाला सर्टिफिकेट लगाया है और इनका चयन हुआ है। चयनित में योगेश पिता कमलेश त्यागी, कीर्तिनंदन पिता बृजेश त्यागी, धीरेंद्र पिता विनोद त्यागी, प्रवीण पिता लज्जाराम त्यागी, मनोज पिता लज्जाराम त्यागी, विजय पिता राजेश त्यागी, कृष्णकांत पिता सियाराम त्यागी, आकाश पिता रामेशवर त्यागी, चंद्रकात पिता गिर्राज त्यागी. योगेंद्र पिता मनोज त्यागी, जयंत पिता धर्मेंद्र त्यागी, रमाकांत पिता परिमल त्यागी, आशीष पिता रामप्रकाश त्यागी, अभिषेक पिता रामभजन त्यागी. राहुल पिता दिनेश त्यागी और आकाश पिता रामभजन त्यागी। इसमें आकाश, चंद्रकांत, रमाकांत को छोड़कर बाकी बहरेपन की दिव्यागंता से ही पीड़ित है।
'द सूत्र' का मुद्दा यही, सही की नियुक्ति मिले, जांच हो
पटवारी परीक्षा के लिए 12.75 उम्मीदवारों ने आवेदन भरे थे और 9.78 लाख युवाओं ने परीक्षा दी थी। इस परीक्षा में लगे आरोपों के बाद सीएम ने भी जांच की बात कही है। वहीं युवा दो वर्ग में बंट गए हैं, जिनका चयन नहीं हुआ वह आंदोलन कर रहे हैं और जांच के साथ परीक्षा रद्द जैसी मांग भी उठ रही है, वहीं जिनका चयन हुआ वह भी अपनी बात रख चुके हैं कि हमे वादे के अनुसार 15 अगस्त तक ज्वाइनिंग दो। द सूत्र का भी यही मानना है कि गलत की पहचान कर उन्हें बाहर किया जाए, ऐसा करने वालों को सजा मिले, लेकिन जो मेहनत, ईमानदारी से पास हुए हैं, जिनका चयन सही है उन्हें उनकी नौकरी भी दी जाए।