संजय गुप्ता, INDORE. ईडी ने धार में गुरुवार (17 अगस्त) अलसुबह कई ठिकानों पर छापे मारे। कार्रवाई अभी जारी है, यह छापे यहां के करीब एक साल पहले सामने आए चर्चित सेंट टेरेसा जमीन घोटाले को लेकर हुए हैं, जिसमें 250 करोड़ की कीमती जमीन को शहर के रसूखदारों ने अपनी बताकर बेच डाला, जबकि यह जमीन धार महाराज से स्वास्थ्य कामों के लिए दान में मिली थी।
इनके यहां पहुंची ईडी टीम
ईडी के लगभग 12 अधिकारियों ने अलसुबह सेंट टेरेसा परिसर में दबिश दी तो हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने परिसर में घुसते ही बाहर से दरवाजा बंद कर दिया और अंदर कार्रवाई जारी है। जिले में सेंट टेरेसा स्कूल के नाम से जमीन दान दी गई थी। दान की जमीन को बेचकर करोड़ों रुपए घोटाले का खुलासा हुआ था। लगभग 250 करोड़ के दान की जमीन घोटाले के मास्टरमाइंड सुधीर दास, उसकी पत्नी और कई आरोपी फरार चल रहे है। ईडी की टीम सुधीर दास, सुधीर जैन, सिद्धार्थ जैन के निवास और सेंट टेरेसा परिसर पहुंची है। सेंट टेरेसा जमीन घोटाले को एक साल से अधिक हो चुका है। इस मामले में पुलिस द्वारा 50 से अधिक आरोपी बनाए गए थे। मामले में कई महिलाएं जेल भी गई। ढाई सौ करोड़ की जमीन धार महाराज के द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दान में दी गई थी। इस जमीन को अपना बताने वाले सुधीर दास उनकी पत्नी शालिनी दास, जमीन को खुर्द बुर्द करने वाले सुधीर जैन और उनकी पत्नी उनके परिवार सहित शहर के कई रसूखदारों के घर पुलिस पहुंची थी। सुधीर जैन और उसका परिवार फरार है। पुलिस के द्वारा सुधीर जैन पर दस हजार का इनाम घोषित किया गया है। साल 2022 में ईडी ने इस मामले को संज्ञान में लिया था और अब गुरुवार को ईडी की 12 से ज्यादा टीम धार पहुंची है। सुधीर जैन और उनके परिवार से सेंट टेरेसा मामले में ईडी दस्तावेजों को खंगाल कर पूछताछ कर रही है। हालांकि ईडी की टीम अभी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है।
16 हजार पन्नों का हुआ था चालान पेश, कनाडा से बुलाए थे दस्तावेज
बहुचर्चित ढाई सौ करोड़ के सेंट टेरेसा जमीन घोटाले मे तहसीलदार विनोद राठौर ने एफआईआर कराई थी। वहीं तत्कालीन एसपी आदित्य सिंह ने उस समय एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर खुलासा था कि मामले मे 16 हजार 5 सौ पेज का चालान पेश किया है, जिसके बाद अब पुलिस को उम्मीद है कि आरोपियों को सख्त सजा मिलेगी। सेंट टेरेसा ट्रस्ट की ढाई सौ करोड़ की बेशकीमती जमीन को आरोपियों ने धोखाधड़ी कर कई लोगों को बेच दिया था, इस मामले मे पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 32 आरोपियों को गिरफ्तार किया था जबकि मुख्य आरोपी सुधीर जैन अभी भी फरार चल रहा है, पुलिस ने मामले मे आरोपियों के खिलाफ न्यायालय मे चालान पेश कर दिया है, जो कि 16500 पेज का है, वही मुख्य आरोपी सुधीर जैन की संपत्ति भी कुर्क की गई थी। धार एसपी आदित्य प्रतापसिंह सिंह ने बताया था कि उन्होने और उनके अधिकारियों ने मामले मे बहुत मेहनत कर चालान पेश किया है। इसमें राजस्व , नगरपालिका , अभिलेखागार , पंजीयक सहित कई विभागो से दस्तावेज एकत्रित कर लगाए गए है, साथ ही कनाडा से भी दस्तावेज बुलाए गए थे।
धार महाराज से अस्पताल के लिए मिली जमीन इंदौर के व्यक्ति को दान में दी
इसी तरह एक आरोपी सुधीर दास ने करोड़ों की कीमत की आधा हेक्टेयर जमीन को आदिवासी बनकर गैर आदिवासी को दे डाली और फिर लीज अवधि समाप्त होने पर बेच दी। यह जमीन आदर्श सड़क स्थित रोटरी क्लब के सामने स्थित है। फिलहाल इस बिल्डिंग में महिला अस्पताल संचालित हो रहा था। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जमीन बेचने की चैन को सुलझाने के लिए जांच शुरू कर दी है। वहीं धोखाधड़ी का आरोपी अंकित जैन फरार हो गया है। जबकि सुधीर दास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सेंट टेरेसा की तरह इस जमीन को भूमाफियाओं ने बेचा नहीं बल्कि पहले इंदौर के एक व्यक्ति को 29 साल की लीज पर दे दिया। लीज की अवधि खत्म होने के बाद इसका सौदा करवा दिया गया।
सेंट टेरेसा की तरह यह जमीन भी धार महाराज आनंद राव पवार ने 19 अगस्त 1895 में कैंडियन चर्च काउंसिल के स्व. डॉ. रत्नाकर दास को लीज पर दी थी। 1994 में लीज समाप्त हो गई। जबकि डॉ. रत्नाकर दास की मौत के बाद इनकी पत्नी डॉ. ईपीदास ने बेटे सुधीरदास, बहु शालिनीदास को जमीन ट्रांसफर कर दी। जमीन ट्रांसफर होने के बाद सेंट टेरेसा कंपाउंड और महिला अस्पताल की जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचने का खेल शुरू किया गया।
पहले लीज पर दी फिर किया सौदा
मुख्य आरोपी सुधीर दास ने महिला अस्पताल की इस करोड़ों की जमीन को 2008 में आरोपी अंकित वडेरा को 50 हजार रुपए में 29 साल के लिए लीज पर दी थी। इस बीच 2009 में 11 लाख रुपए में दास ने यह जमीन अंकित को बेच दी। इस मामले में पुलिस ने अंकित पिता उल्लहासमल वडेरा निवासी ग्वालटोली इंदौर को आरोपी बनाया है। 0.493 हेक्टेयर अंकित जैन ने खरीदी। जांच में पता चला है कि आरोपी सुधीरदास महिला अस्पताल के बाहर बनी दुकानों से किराया वसूलता आ रहा था। लेकिन शिकायत के बाद 20 दिसंबर 2019 को प्रशासन ने अस्पताल भवन में अवैध रूप संचालित 6 दुकानों का कब्जा हटाकर अस्पताल और दुकानें नपा के सुपूर्द कर दी थी।
इंदौर के आरोपी से जमीन मुख्तारनामा पर ड्राइवर के नाम
पुलिस ने रिमांड के दौरान फरार आरोपी सुधीर जैन के खास और वाहन चालक नवीन जाधव से पूछताछ की। जिसने बताया कि उसके घर की जमीन के कागज भी सुधीर के पास रखे हुए है। कई कागजों पर आए दिन सुधीर जैन हस्ताक्षर करवाता था। पुलिस को यह भी जानकारी लगी है कि कोर्ट से मिलने वाली डिग्री के बाद आरोपी सुधीर दास ने विवेक तिवारी के माध्यम से जमीन पहले इंदौर के सह आरोपी मोहम्मद शहजाद पिता अब्दुल को दी। इसके बाद पुन: कोर्ट के समक्ष पहुंचकर मोहम्मद शहजाद से भूमि का मुख्तारनामा वाहन चालक नवीन जाधव के नाम पर बनवाया था। इसका प्रमाणित दस्तावेज भी पुलिस को आरोपियों से घर की तलाशी के दौरान मिला है। नवीन के नाम जमीन होने के बाद इस भूमि के छोटे-छोटे भूखंड करोड़ों रुपए में बेचने का आरोपियों ने किया है।