उपभोक्ताओं को जोर का झटका देने की तैयारी में बिजली कंपनियां, विद्युत नियामक आयोग ने शुरू की जनसुनवाई

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Chakresh
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उपभोक्ताओं को जोर का झटका देने की तैयारी में बिजली कंपनियां, विद्युत नियामक आयोग ने शुरू की जनसुनवाई

वेंकटेश कोरी, JABALPUR

मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ( Madhya Pradesh Power Management Company ) के सालाना राजस्व के प्रबंधन को लेकर तैयार प्रस्ताव पर सोमवार से जनसुनवाई शुरू हो गई है। पहले दिन मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की जनसुनवाई हुई। मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने तमाम विरोधों के बावजूद इस वर्ष भी वर्चुअल तरीके से बिजली के नए टैरिफ को लेकर जनसुनवाई की गई। इसमें तमाम आपत्तिकर्ताओं ने वर्चुअल तरीके से हिस्सा लेकर कंपनियों द्वारा आयोग के समक्ष पेश प्रस्तावों पर अपना एतराज जाहिर किया।

प्रस्तावों को हरी झंडी तो लगेगा जोर का झटका

साल 2024-25 के लिए नए टैरिफ को लेकर बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग के समक्ष अपने प्रस्ताव भेजे हैं, उन प्रस्तावों में बिजली कंपनियों ने नए टैरिफ में 3.86 फीसदी बिजली की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पेश किया है। बिजली कंपनियों ने 1837 करोड़ का घाटा बताकर 3.86 फ़ीसदी बिजली की दरें बढ़ाने की वकालत की है। जानकारों का दावा है कि बिजली कंपनियां फायदे में हैं, बावजूद इसके उनके द्वारा घाटा बताकर दाम बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। जिसका सीधा असर बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। बिजली कंपनियों के इन्हीं प्रस्तावों के खिलाफ विद्युत नियामक आयोग के समक्ष कई आपत्तिकर्ताओं ने भी अपनी याचिकाएं पेश की हैं।

आंकड़ों की बाजीगरी दिखाकर दरें बढ़ाने की कोशिश

बिजली मामलों के जानकार और जबलपुर के एडवोकेट राजेंद्र अग्रवाल ने कहा है कि बिजली कंपनियां आंकड़ों की बाजीगरी दिखाकर बिजली की दरें बढ़ाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं। उनका कहना है कि कंपनी ने अपने प्रस्ताव में 55 हज़ार करोड़ रुपए का व्यय बताया है, जबकि वर्तमान बिजली दर से 53 हजार करोड़ की आय दिखाई गई है। ऐसे में कंपनी 2046 करोड़ रुपए का अंतर बताकर बिजली के दाम बढ़ाना चाहती है, जबकि हकीकत यह है कि कंपनी का खर्च 45 हज़ार करोड़ का है। ऐसे में 10 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च दिखाया जा रहा है।

कोरोना कल से शुरू हुई वर्चुअल जनसुनवाई अब भी जारी

पूरा देश जब वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रहा था, तब विद्युत नियामक आयोग ने जनसुनवाई की प्रक्रिया वर्चुअल तरीके से शुरू की थी। कोरोना के पहले तक बिजली दरों से संबंधित जनसुनवाई फिजिकली रूप से ही होती थी। बिजली मुख्यालय जबलपुर से लेकर इंदौर और भोपाल में भी आयोग के अध्यक्ष और सदस्य व्यक्तिगत रूप से पहुंचकर वित्तीय वर्ष के नए टैरिफ को लेकर जनसुनवाई करते थे लेकिन कोरोना की समाप्ति के बावजूद अब भी आयोग द्वारा जनसुनवाई के लिए वर्चुअल तरीका ही अपनाया जा रहा है, जिसकी खिलाफत की जा रही है। बिजली मामलों के जानकारों से लेकर व्यापारिक, औद्योगिक संगठनों और नागरिक संगठनों के द्वारा वर्चुअल जनसुनवाई का विरोध करते हुए आयोग को पत्र भी लिखे गए हैं लेकिन विरोध की उठ रही आवाजों को दरकिनार करते हुए इस बार भी वर्चुअल तरीके से ही नए टैरिफ को लेकर जनसुनवाई की गई है।

पहली बार टाइम ऑफ द डे का टैरिफ

इस बार बिजली कंपनियों ने जिस वक्त घरों में सबसे ज्यादा बिजली की खपत और जरूरत होती है उस समय बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव भी पेश किया है जिसमें सुबह 3 घंटे और रात को 5 घंटे महंगी बिजली मिलेगी, यानी कंपनियों के प्रस्ताव पर मुहर लगी तो नए वित्तीय वर्ष से बिजली के उपभोक्ताओं को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। बिजली के नए टैरिफ में पहली बार टैरिफ लागू करने की तैयारी की जा रही है, इसमें सुबह 6:00 से 9:00 तक और शाम को 5:00 से रात 10:00 बजे तक 20 फ़ीसदी अतिरिक्त सरचार्ज लगाने की भी तैयारी की जा रही है।

जनसुनवाई में जुड़े 13 आपत्तिकर्ता

मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्र के 13 आपत्तिकर्ता वर्चुअल तरीके से शामिल हुए जिन्होंने कंपनियों के प्रस्ताव पर अपने-अपने तरीकों से ऐतराज जाहिर किया। हर किसी ने बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी का जहां विरोध किया तो वहीं कंपनियों की अन्य नीतियों पर भी सवाल खड़े किए।


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