संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर हाईकोर्ट बेंच के आदेश पर हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में बनी कमेटी के सामने तीन कॉलोनियों के पीड़ितों की सुनवाई जारी है। सूत्रों के मुताबिक डायरियों पर सिग्नेचर को लेकर चल रहा विवाद सुलझने की ओर है, सिग्नेचर एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट आ गई है और रिपोर्ट में डायरियों पर सिग्नेचर हैप्पी धवन के ही माने गए हैं। कुल चार डायरियों पर हुए सिग्नेचर की जांच की गई थी, जो सभी हैप्पी के पाए गए हैं। इस मामले में अब कमेटी रिपोर्ट को देखने के साथ ही धवन से जवाब लेगी और इसके बाद राशि लौटाए जाने को लेकर अपनी अनुशंसा रिपोर्ट में लिखेगी।
प्रदीप अग्रवाल बोले जमीन मैंने खरीदी
उधर फिनिक्स में मृत केबल कारोबारी संदीप तेल (अग्रवाल) के भाई प्रदीप अग्रवाल के पास मौजूद करीब 27 हजार वर्गफीट जमीन को लेकर भी दोनों ओर के तर्क कमेटी ने सुने। इसमें अग्रवाल ने कहा कि यह जमीन मैंने बकायदा खरीदी है, ऐसे में इस जमीन को प्रशासन अपने कब्जे में लेकर पीड़ितों को प्लॉट नहीं दे सकता, ऐसे में तो मैं खुद पीड़ित बन जाउंगा, क्योंकि मेरा कॉलोनी से कोई लेना-देना नहीं है और ना ही मैंने किसी को प्लॉट बेचे, धोखाधड़ी भी नहीं की, फिर मेरी जमीन कैसे लेकर किसी और को दे सकते हैं। कमेटी ने उनकी बात सुनकर अभी फैसला सुरक्षित रखा है।
सतीश भाटिया केस में भी हो गए तर्क पूरे
इस तरह पीड़ित सतीश भाटिया के प्लॉट को लेकर मित्तल और चंपू अजमेरा के बीच चल रहे विवाद में सभी के जवाब हो गए हैं और अब कमेटी को इसमें फैसला लेना है। कागजों पर और इसके पहले अपर कलेक्टर कोर्ट में भी चले केस में सामने आ चुका है कि मित्तल 2008-09 में ही बाहर हो गए थे और भाटिया को प्लॉट देने की जिम्मेदारी चंपू की बनती है।
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अभी आर्जव को नहीं किया भगोड़ा घोषित
उधर चंपू अजमेरा के बेटे आर्जव पर दायर की गई चार सौ बीसी सहित अन्य धाराओं के केस में पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी नहीं की है और ना ही उसे पकड़ने के लिए कोई टीम बनाई है। ना ही उसे भगोड़ा घोषित कर ईनाम घोषित किया गया है। बताया जा रहा है कि एफआईआर होने के बाद ही आर्जव को चंपू ने इंदौर से रवाना कर दिया था। बाणगंगा थाने में यह एफआईआर हुई है।