BHOPAL. उद्यमिता विकास केंद्र यानी सेडमैप (CEDMAP) की कार्यकारी निदेशक (ईडी) अनुराधा सिंघई के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी कर नियुक्ति हासिल करने का मामला दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ सेडमैप में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर नियुक्ति हासिल करने के लिए दस्तावेजों में जालसाजी करने का परिवाद जिला न्यायालय में प्रस्तुत किया था। परिवाद में लगाए गए आरोप पुलिस की जांच में सही पाए जाने पर कोर्ट के आदेश पर अनुराधा सिंघई के खिलाफ बुधवार (26 जुलाई) को एमपी नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
अनुराधा के खिलाफ कोर्ट में परिवाद लगाया
उल्लेखनीय है कि शिकायकर्ता राजेश कुमार मिश्रा ने जिला न्यायालय भोपाल में प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी (JMFC) रजनीश ताम्रकार की कोर्ट में अनुराधा सिंघई पत्नी अभिषेक सिंघई निवासी 22 स्टर्लिंग गार्डन व्यू चूना भट्टी कोलार रोड के खिलाफ सेडमैप में जाली दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति हासिल करने का परिवाद प्रस्तुत किया था। उन्होंने परिवाद में आरोप लगाया कि अनुराधा सिंघई सेडमैप के कार्यकारी संचालक के पद के लिए आवश्यक योग्यताएं और अर्हताएं पूरी नहीं करतीं। उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेडमैप में यह नियुक्ति हासिल की है। जेएमएफसी रजनीश ताम्रकार ने इस मामले की सुनवाई कर 14 जुलाई को महाराणा प्रताप नगर पुलिस को 28 जुलाई तक जांच प्रतिवेदन कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
कोर्ट के निर्देश पर एमपी नगर थाने में FIR दर्ज
पुलिस की जांच में अनुराधा सिंघई के खिलाफ परिवाद में लगाए गए आरोप सही पाए गए। एमपी नगर थाना पुलिस की रिपोर्ट पर कोर्ट ने सेडमैप में ईडी के पद पर कार्यरत अनुराधा सिंघई के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 420, 467, 468 और 471 में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। कोर्ट के निर्देश पर महाराणा प्रताप नगर थाने में बुधवार (26 जुलाई) को FIR दर्ज की गई। बता दें कि अनुराधा सिंघई सेडमैप की दूसरी ईडी हैं जिनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई है। इससे पूर्व इस पद पर तैनात रहे जीतेंद्र तिवारी के खिलाफ भी कई अनियमितताओं की शिकायत पर पुलिस में मामला दर्ज किया गया था।
अनुराधा सिंघई के खिलाफ यह आरोप
सेडमैप के कार्यकारी संचालक पद के लिए 17 मार्च 2021 को समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन के अनुसार इस पद के लिए निर्धारित शैक्षणिक पात्रता एवं अनुभव में प्राइवेट सेक्टर के आवेदकों को न्यूनतम 15 लाख रुपए CTP के पैकेज के अंतर्गत किसी भी संस्थान में कार्यरत होने का अनुभव मांगा गया था। इस पर अनुराधा सिंघई ने षड्यंत्र एवं कूट रचित तरीके से खुद का 15 लाख रुपए CTP के खुद के घोषणा पत्र में हस्ताक्षर कर अपनी गलत सीटीसी दर्शा दी, जबकि वे अपने खुद के एनजीओ indo-european चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और कल्प मेरु सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में संचालक के पद पर कार्यरत थी, जिसमें उन्हें कोई मासिक सैलरी नहीं मिलती थी। हकीकत में वह खुद का व्यवसाय संचालित करती थी।
CTC 15 लाख बताई लेकिन आय 10 लाख से भी कम
अनुराधा सिंघई के नियुक्ति के पिछले 3 साल के इनकम टैक्स रिटर्न में उनकी दर्शाई गई वार्षिक आय 10 लाख से भी कम रही जिसमें अधिकतर आय प्रॉपर्टी रेंट, इंटरेस्ट ऑन सेविंग, कैपिटल गेन आदि से रहे जिससे यह पता चलता है कि सेडमैप में आवेदन करने से पूर्व उनकी सीटीसी 15 लाख थी ही नहीं, ऐसे में उन्होंने सैड में में ईडी के पद पर नियुक्ति के लिए कूट रचित दस्तावेज बनाकर नियुक्ति हासिल की।
सीनियर पोस्ट पर 10 साल का अनुभव भी फर्जी
सेडमैप के विज्ञापन की शर्तों के अनुसार ईडी के पद के लिए न्यूनतम 10 साल का अनुभव सीनियर मैनेजमेंट के पद पर होना अनिवार्य था जबकि अनुराधा सिंघई के एनजीओ और कंपनी के एक छोटे स्तर का टर्नओवर करीब एक करोड़ से कम था उन्होंने अनुभव प्रमाण पत्र में जिस एनजीओ में काम करना बताया। उसमें कर्मचारियों की संख्या 10 से कम थी। जांच में उनका सीनियर मैनेजमेंट के पद पर 10 साल के अनुभव का प्रमाण पत्र भी कूट रचित पाया गया।
झूठी निकली पहली कंपनी से इस्तीफे की तारीख
अनुराधा सिंघई ने सेडमैप में कार्यकारी संचालक के पद पर ज्वाइन करने के लिए पहले की कंपनियों से जुलाई 2021 में इस्तीफा दिया जाना बताया जबकि हकीकत में उक्त कंपनियों से उनके इस्तीफे की तारीख रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के अनुसार 15 मार्च 2022 निकली यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि यदि उन्होंने अपनी पूर्व की कंपनियों से जुलाई 2021 में इस्तीफा दे दिया था, तो फिर उन्हें कंपनी में 30 दिसंबर 2021 को एनुअल जनरल मीटिंग में कैसे शामिल हुई इससे स्पष्ट है कि अनुराधा सिंघई ने यह जानकारी भी गलत दी।