MORENA. मुरैना के अंबाह ऑनर किलिंग केस में पुलिस ने युवती के पिता राजपाल सिंह तोमर, दादा छोटे लाल तोमर, चाचा पप्पू तोमर और भाई शिवा तोमर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। चारों पर धारा 302, 201, 34 लगाई गई हैं। पुलिस का कहना है कि चारों परिजन ने मिलकर प्रेमी जोड़े की पीट-पीटकर हत्या की थी।
पुलिस ने हमसे 50 हजार रुपए की डिमांड कीः घनश्याम तोमर
वहीं, मामले में पुलिस पर रिश्वत लेने का आरोप भी लगा है। प्रेमी राधेश्याम तोमर के बड़े भाई घनश्याम तोमर का कहना है मई में राधेश्याम और उसकी प्रेमिका शिवानी घर से भागे थे। इस दौरान उनको खोजते हुए पुलिस हमारे घर पहुंची थी। पुलिस ने हमसे 50 हजार रुपए की डिमांड की। ऐसा नहीं करने पर झूठे मामले में फंसाने और घर की औरतों को उठा ले जाने की धमकी दी। हमने डरकर उनको 49,100 रु. नकद दिए। 900 रु. कैश नहीं होने पर अंबाह थाने के दीवान वीरेंद्र सिंह गुर्जर के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर किए।
पैसे के लेनदेन की बात गलत हैः टीआई यादव
घनश्याम ने बताया, '900 रु. 30 मई की रात 9.43 बजे पेटीएम के जरिए ट्रांसफर किए। इसके चार दिन बाद भाई और लड़की को मैंने खुद पुलिस के सुपुर्द किया था।' राधेश्याम का यह भी आरोप है कि केस कमजोर करने के लिए पुलिस को लड़की के घरवालों ने किस्तों में पैसे भर दिए हैं। थाने के एसआई से लेकर टीआई तक ये पैसा बंटा है। यही वजह है कि पुलिस ठोस एक्शन नहीं ले रही है। आरोपों पर अंबाह थाने के आई विनय यादव का कहना है- पैसे के लेनदेन की बात गलत है। जिस दीवान पर घूस लेने का आरोप है, हमने उसे कई बार कॉल कर संपर्क करने की कोशिश की, कॉल रिसीव ही नहीं हुआ।
हत्या कर शव चंबल नदी में फेंकने की बात स्वीकारी
अंबाह में ऑनर किलिंग का मामला एक हफ्ते पहले सामने आया था। अंबाह के रतन बसई गांव में रहने वाली शिवानी तोमर (18) और पुरा बरबाई का राधेश्याम तोमर (21) एक-दूसरे से प्यार करते थे। दोनों 3 जून से लापता थे। 1 जून को युवती के पिता ने युवक के परिवार को धमकाया भी था। युवक के परिवार की आशंका पर SDOP परमाल सिंह मेहरा ने युवती के परिजन से पूछताछ की। 17 जून को उन्होंने हत्या कर दोनों के शव चंबल नदी में फेंकने की बात स्वीकारी। तब से ही नदी में उनके शव तलाशे जा रहे हैं। युवती का पिता, सगा और ममेरा भाई अंबाह थाने में बंद हैं। पुलिस ने पूछताछ के लिए आज लड़की की मां लक्ष्मी और बुआ मंजेस को भी बुलाया है।
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900 रुपए कम पड़ गए तो ऑनलाइन और बाकी कैश दिए
घनश्याम तोमर ने कहा- बात 6 मई 2023 की है, जब पहली बार राधेश्याम और शिवानी भागे थे। तब पुलिस मेरे घर पर बहुत ज्यादा धमाल दे रही थी। लेडीज को उठाने की धमकी दे रही थी। मैंने कहा- सर इतना परेशान क्यों कर रहे हो? हम उनको लाकर दे देंगे। पुलिस वाले बोले- ऐसा नहीं चलेगा। पूछा- क्या चाहिए? कहने लगे- 50 हजार रुपए दो। मैंने इंतजाम किया, तो 900 रुपए कम पड़ गए। 900 रु. ऑनलाइन और बाकी के रुपए कैश दिए। तब जाकर पुलिस ठंडी पड़ी। पैसे वीरेंद्र दीवानजी को दिए थे। चार दिन में भाई और शिवानी को खुद लेकर आया। मैंने ही दोनों को पुलिस के हवाले किया। तब जाकर यह मैटर बंद हुआ था। इसके बाद लड़का-लड़की उठ गए। मैं थाने पहुंचा। इसके दूसरे दिन ये लोग (आरोपी) थाने में हाजिर हुए थे। मुझे पता चला कि पुलिस के पास पहली किस्त आई है दो लाख रुपए की। फिर लड़की वालों की तरफ से 50 हजार रुपए आए। तीसरी किस्त में 1 लाख 70 हजार रुपए दिए। इस वजह से पुलिस कोई सुनवाई नहीं कर रही है। मैं दिन भर और पूरी रात थाने में बैठा रहता हूं। पुलिस हर बार यही कहती है कि कर तो रहे हैं कार्रवाई।
दो लाख रुपए की पहली किस्त सोमवीर कंषाना के जरिए भिजवाई
घनश्याम ने बताया कि पुलिस को लड़की के परिवार की ओर से किस्तों में रिश्वत दी गई है। दो लाख रुपए की पहली किस्त सोमवीर कंषाना के जरिए भिजवाई गई। 50 हजार रुपए उत्तर प्रदेश के एक गुर्जर युवक ने भिजवाए। 1 लाख 70 हजार रुपए उत्तर प्रदेश निवासी श्यामसुंदर के जरिए लड़की वालों ने भिजवाए थे। 50 हजार रु. बाद में भेजे गए। इसके बाद 15 हजार रुपए आरोपी विश्वहरन शर्मा और 25 हजार रुपए आरोपी वीकेस तोमर ने पुलिस को दिए हैं, जो थाने में आराम फरमा रहे हैं।