Jabalpur. जबलपुर का मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने नया इनोवेशन करते हुए अपने छात्रों को निजी अस्पतालों में फेलोशिप करने का रास्ता खोल दिया है। प्रदेश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है। शुरुआती तौर पर जबलपुर के 2 निजी अस्पतालों और एक संस्था ने फेलोशिप कराने के लिए यूनिवर्सिटी को आवेदन भी दिया है। हाल ही में हुई विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में इन प्रकरणों पर विचार करने के बाद इसे हरीझंडी प्रदान करने एक कदम बढ़ा दिया गया है। फैसला हुआ है कि इन आवेदनों पर कुलपति 3 सदस्यीय कमेटी का गठन करेंगे जो इन आवेदनों पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी, जिस पर आगामी ईसी बैठक में रखा जाएगा। जहां फेलोशिप पर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा।
हर निजी अस्पताल कर सकेगा अप्लाई
बताया जा रहा है कि यह प्रक्रिया आवेदन करने वाले हर निजी अस्पताल के लिए अपनाई जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन की माने तो निजी अस्पताल आवेदन तो कर सकते हैं लेकिन फैसला उन्हीं के पक्ष में लिया जाएगा जिन्होंने चिकित्सा के किसी क्षेत्र विशेष में उत्कृष्टता हासिल की हो। ताकि उन संस्थानों में अनुभवी चिकित्सकों के मार्गदर्शन में मेडिकल छात्र का स्किल डेवलपमेंट हो सके। बता दें कि इस प्रक्रिया में फेलोशिप के लिए फीस और कोर्स अवधि का निर्धारण भी एमयू ने कर लिया है। यदि सब सही रहा तो जल्द ही मेडिकल के छात्र निजी अस्पतालों में फेलोशिप करते नजर आ सकते हैं।
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पीजी कोर्स के बराबर होगी फीस
निजी अस्पतालों में फेलोशिप के लिए 11 महीने की अवधि विश्वविद्यालय ने निर्धारित की है। निजी संस्थानों को इसके लिए संबद्धता प्रदान की जाएगी। फेलोशिप फीस, पीजी कोर्स के लिए निर्धारित फीस के बराबर होगी। इस फेलोशिप में पढ़ाई तो नहीं कराई जाएगी लेकिन विशेषज्ञों की देखरेख में मेडिकल फील्ड में स्किल डेवलपमेंट जरूर होगा।
पीजी छात्र ही कर सकेंगे फेलोशिप
मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ पुष्पराज सिंह बघेल ने बताया है कि निजी अस्पतालों में फेलोशिप के लिए छात्रों के पास एमडी की डिग्री होना अनिवार्य है, इसके अलावा सुपर स्पेशियलिटी में एमसीएच के डिग्री होल्डर भी निजी अस्पतालों में फेलोशिप कर सकेंगे।