BHOPAL. विधानसभा चुनाव में बंपर जीत मिलने के बाद भी शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश की राजनीति में कोई अहम जिम्मेदारी बीजेपी ने नहीं दी है। इसका दर्द किसी न किसी रूप में शिवराज सिंह चौहान का सामने आता ही रहता है। शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को पुणे की एमआईटी युनिवर्सिटी में स्वामी विवेकानंद की जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस पर आयोजित 13वें भारतीय छात्र संसद कार्यक्रम में सहभागिता की। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने जो कुछ कहा, वह एक बार फिर से सुर्खियां बन गया है।
मैंने तय किया था कि किसी भी कीमत पर पार्टी को जिताऊंगा
शिवराज ने कहा कि विधानसभा चुनावों में कई चुनावी विश्लेषकों ने कहा था कि मध्यप्रदेश में बीजेपी नहीं जीतेगी। कांग्रेस ने घोषणा की थी कि क्लीन स्वीप करेंगे। मैंने तय किया कि किसी भी कीमत पर मैं पार्टी को जिताऊंगा, कोई ताकत मुझे जीतने से नहीं रोक सकती। एक संकल्प पैदा हुआ और उसके अनुरूप काम किया। शिवराज सिंह ने बताया कि जब परिणाम आए तब कांग्रेस ने नहीं बल्कि बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया। सबसे ज्यादा वोट आए और सबसे शानदार सीटें आईं। मुझे कहा फॉर्मर चीफ मिनिस्टर, लेकिन अपन रिजेक्टेड नहीं हैं। अपन छोड़ के भी आए तो ऐसे आए कि हर जगह जनता का स्नेह और प्यार मिलता है। लोग मामा-मामा करते हैं, यही अपनी असली दौलत है। छोड़ दिया इसका मतलब ये नहीं है कि राजनीति नहीं करुंगा। मेरी राजनीति किसी पद के लिए नहीं, बड़े लक्ष्य के लिए है।
राजनीति बेकार का काम है, ये मानसिकता ठीक नहीं
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज-कल दूसरे तरह के नेता भी हैं जो पॉलिटिक्स को ही कैरियर मान लेते हैं। उन्हें लगता है कि यही करियर है। अच्छे कपड़े कुर्ता-पजामा पहनकर राजनीति करने का प्रयास करते हैं। राजनीति में आना चाहिए, मैं जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि कई बार लोग सोचते हैं कि हम क्या करेंगे राजनीति में आकर। ये तो बेकार काम है, लेकिन ये मानसिकता सभी के लिए ठीक नहीं है। क्या राजनीति में धन का प्रभाव खत्म करने के लिए तुम काम नहीं करोगे। क्या राजनीति केवल अमीरों की तिजोरी से चलेगी।
ईमानदारी से काम करो,जनता साथ देगी
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं अहंकार की बातें नहीं बोल रहा मैं लड़ता हूं एक क्षेत्र से, अब तक मैं 11-12 चुनाव लड़ चुका हूं। एक चुनाव मुझे पार्टी ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ लड़ाया था तब वह मुख्यमंत्री हुआ करते थे, लेकिन मैं उनके खिलाफ भी चुनाव लड़ने पहुंच गया। उन्होंने कहा कि मैं एक ही क्षेत्र से 11 बार जीता हूं और आज कोई मेरे क्षेत्र में जाकर देख लें मैं चुनाव में प्रचार करने नहीं जाता। एक दिन पहले फॉर्म भरने निकलता हूं तो गांव की जनता आती है मुझे थैली भेंट करती है। जिसमें पैसे और सूची होती है कि रामलाल के 100 रुपए, श्यामलाल के 200 रुपए और उन पैसों से मैं चुनाव लड़ता हूं। ईमानदारी से काम करो तो जनता साथ देगी।