इंदौर में पूर्व MLA बोले अधिकारी चेंबर में बैठे रहते हैं,नेताओं के दबाव में ठीक से ड्यूटी नहीं निभाते, शहर में 15 हजार ड्रग एडिक्ट

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Chandresh Sharma
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इंदौर में पूर्व MLA बोले अधिकारी चेंबर में बैठे रहते हैं,नेताओं के दबाव में ठीक से ड्यूटी नहीं निभाते, शहर में 15 हजार ड्रग एडिक्ट

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में सेवा सुरभि और इंदौर प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में आइए! इंदौर को बनाएं सुरक्षित और नशामुक्त;  विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें बुद्धिजीवियों के साथ ही पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी व अन्य शामिल थे। इस दौरान पूर्व विधायक व बीजेपी वरिष्ठ नेता गोपीकृष्ण नेमा ने कहा कि- आज अधिकारियों का नागरिकों के साथ जीवंत संपर्क नहीं होने की वजह से अपराधों का ग्राफ बढ़ा है। अधिकारी चेम्बर में बैठे रहते हैं और नेताओं के दबाव में आकर अपने दायित्वों का ठीक से निर्वाह नहीं कर पाते हैं। अधिकारियों को इस शहर से तो मोह है, लेकिन अपने फर्ज से नहीं। जो राजनेता गुंडे की हिमाकत कर रहे हैं, ऐसे नेताओं के दबाव में अधिकारी नहीं आएं। अधिकारियों को ये आदत डालना होगी।



नशे के खिलाफ एक्शन प्लान जरूरी-ताई



पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा पुलिस प्रशासन का भय जरूरी है। साथ ही वह एक्शन भी ले। स्कूल, कॉलेज के साथ ही कोचिंग क्लासेस और होस्टलों में अध्ययनरत बच्चों के बीच सामाजिक संगठन के सदस्यों को लगातार जाना चाहिए।    महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि नशे के खिलाफ गली-गली में नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाए। ऐसी बुकलेट बनाई जाए, जिसमें नशे के घातक परिणामों का उल्लेख हो। 




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  • शहर में 15 हजार ड्रग एडिक्ट है- मकरंद देउस्कर



    पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने कहा कि जो नशा करने वाले हैं वे अपनी तड़प को पूरा करने के लिए दर्द निवारक दवा आयोडेक्स को खा रहे हैं और वहीं पेट्रोल को कपड़ें में डालकर सूंघते हैं। नशा एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है। शहर में अनुमानित 10 से 15 हजार ड्रग एडिक्ट हैं, जो नियमित नशा करते हैं। इसे हर हालत में कम करना बहुत जरूरी है। ऐसे लोगों को पुलिस कस्टडी में रखना भी मुश्किल है। 



    नशामुक्ति केंद्र बनाएं और इसका ब्लू प्रिंट बनाएं - कलेक्टर



    कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने कहा कि नशा एक ग्लोबल फिनोमिना है। 15 से 30 वर्ष के जो बच्चे हैं, उनको इंगेज करने के लिए हमारे पास न अच्छे खेल के मैदान हैं और न कोई अन्य साधन। इन बच्चों से बात करने वाले लोगों की भी कमी है। आवश्यकता इस बात की है कि हम अधिक से अधिक नशामुक्ति केंद्र बनाएं और इसका एक ब्लू प्रिंट तैयार करें। जो युवा नशा कर रहे हैं, उन्हें भी हम बहस में शामिल करें। उनकी बातों को सुनें कि वे किस वजह से नशा कर रहे हैं। 



    पब और बार की गाइडलाइन बदलने की जरूरत है - डी.एस. सेंगर



    पूर्व अपर पुलिस महानिदेशक और इंदौर में एसपी रहे डी.एस. सेंगर ने कहा कि समाज में जागरूकता की कमी के कारण नशे की समस्या बढ़ती जा रही है। शराब का उपभोग आज सबसे अधिक हो रहा है। जिनकी आयु 18 वर्ष से कम है, वे भी पब और बार में बैठकर नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। इस पर नियंत्रण के लिए हमें पब और बार की गाइड लाइन बनानी होगी। 



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    इन्होंने भी किया संबोधित



    मनोचिकित्सक डॉ. निखिल ओझा ने कहा कि आज महिलाएं और युवतियों में ड्रग एडिक्ट का परसेंटेज बढ़ता जा रहा नशे में व्यक्ति का आक्रोश 50 गुना अधिक बढ़ जाता है। इंदौर वाले ग्रुप के समीर शर्मा ने कहा कि हमें अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा। पूर्व पार्षद और प्रदेश कांग्रेस का महामंत्री अरविंद बागड़ी ने कहा कि हम परिवार के साथ सप्ताह में एक बार सामूहिक रूप से भोजन करें। शादी-विवाह में कॉकटेल पार्टियों में रोक लगना चाहिए। सन्मति स्कूल की प्राचार्य अर्चना शर्मा ने कहा कि नशा मानवता के खिलाफ है। माहेश्वरी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजीव झालानी ने कहा कि नशे की आसानी से उपलब्धता भी नशे को बढ़ावा दे रही। शिक्षाविद डॉ. शंकरलाल गर्ग ने कहा कि बेरोजगारी, लाईफ स्टाइल और पारिवारिक विघटन के कारण समाज में हिंसा अधिक बढ़ी है। वरिष्ठ अधिवक्ता, समाजसेवी, गांधीवादी चिंतक और विचारक अनिल त्रिवेदी ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि शहर में नशा चिंता की नहीं चिंतन का विषय है। शहर में 6 लाख ऐसे बच्चे हैं, जिनकी किचन नहीं है। ये बच्चे सुबह उठकर ही चाय की दुकान पर पहुंच जाते हैं। 



    कार्यक्रम में यह हुए शामिल



    इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि इंदौर गंगा-जमुना तहजीब का शहर है। लेकिन आज यहां बुराइयां पनप रही हैं। इसका सबसे मुख्य कारण नशा है। इस संवाद से जो भी निष्कर्ष निकलेगा, वह पुलिस प्रशासन और विभिन्न एजेंसियों के नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सहायक होगा। 



    कार्यक्रम के प्रारंभ में सेवा सुरभि के अध्यक्ष ओमप्रकाश नरेडा सहित अतिथियों दीप प्रज्जवल किया गया। इस मौके पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीतसिंह चड्ढा, पूर्व डीआईजी धर्मेन्द्र चौधरी, डॉ. भरत शर्मा, अभ्यास के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता, उपाध्यक्ष अशोक कोठारी, सुनील माकोड़े, आलोक खरे, पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष डॉ. गौतम कोठारी, वरिष्ठ भाजपा नेता बालकृष्ण अरोरा, जयंत भिसे, समाजसेवी डॉ. रजनी भंडारी, समाजसेवी किशोर कोडवानी, स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय महिला सह प्रमुख अलका सैनी, अग्रवाल समाज की महिला विंग की प्रमुख प्रतिभा मित्तल, ईश्वर बाहेती, प्रदीप जोशी, संजय त्रिपाठी, अभय तिवारी, मुनीर अहमद, उमेश पारेख, प्रवीण जोशी सहित कई सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अतुल सेठ ने किया और अंत में आभार वीरेन्द्र गोयल ने व्यक्त किया। 



    इधर कलेक्टर फिर आधी रात को निकले सड़कों पर



    उधर कलेक्टर ने फिर अपना रूख साफ करते हुए रात को सड़कों पर जाकर औचक निरीक्षण करने जारी रखा है। कलेक्टर रविवार रात को तीन बजे तक सड़कों पर घूमते रहे और बीआरटीएस के कई चौराहों पर गए। यहां कई जगह समझाइश दी गई और कुछ जगह पुलिस नजर नहीं आने पर अधिकारियों को साफ संदेश दिया कि सड़कों पर पुलिस होना चाहिए और बेवजह की गतिविधियां रात्रिकालीन में नहीं होना चाहिए।


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