INDORE. संजय गुप्ता, घाटाबिल्लोद गोलीकांड में आईपीसी की धारा 307 में धार जिला कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष और पूर्व विधायक बालमुकुंदसिंह गौतम और अन्य तीन को इंदौर जिला कोर्ट से 7-7 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं हत्या के मामले में (धारा 302) में चंदनसिंह एवं अन्य को दोषमुक्त किया गया है। बालमुकुंद गौतम के साथ ही उनके भाई मनोज सिंह गौतम, राकेश सिंह गौतम और भतीजे पंकज सिंह गौतम को भी कोर्ट ने सजा सुनाई गई है। धार के पूर्व विधायक बालमुकुंद के अन्य रिश्तेदार और बॉडी गार्ड को भी घाटाबिल्लौद हत्याकांड में सात साल की सजा सुनाई गई है। इस सजा के बाद गौतम की विधायक के टिकट के लिए उम्मीदवारी को लगभग खत्म माना जा रहा है।
साल 2017 में घाटाबिल्लौद में हुए बबलू के हत्याकांड में सुनाई
धार जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम उनके दोनों भाईयों, रिश्तेदार, गार्ड सहित सात लोगों को जिला कोर्ट इंदौर ने हत्या के प्रयास में सात साल की सजा सुनाई है। यह सजा साल 2017 में घाटाबिल्लौद में हुए बब्लू के हत्याकांड में सुनाई गई है। सजा पाने वालों में गौतम के भाई मनोज गौतम, राकेश गौतम के साथ ही रिश्तेदार पम्मू गौतम, रिश्तेदार पंकज गौतम, राजेश पटेल, और गौतम गार्ड को भी सजा मिली है। लेकिन सबूतों की कमी से हत्या के आरोपी चंदन सिंह व अन्य बरी हो गए हैं। जो मारा गया था बब्लू वह गौतम का ही कार्यकर्ता था। इस सजा के बाद बालमुकुंद सिंह गौतम और उनके भाई मनोज सिंह गौतम की विधायक की टिकट की दावेदारी मुश्किल में आ गई है। हालांकि आरोपी हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
यह है घटना
साल 2017 की है, जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंदसिंह गौतम के वाहन पर अज्ञात लोगों ने पथराव कर दिया था। इसके बाद समर्थकों और हमलावरों के बीच हुई गोलीबारी में एक की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए। गौतम के समर्थक बबलू पिता लक्ष्मीनारायण उम्र 34 वर्ष निवासी अन्नपूर्णा कॉलोनी नौगांव की गोली लगने से मृत्यु हुई। घाटाबिल्लोद पुलिस ने चंदन पिता देवी सिंह, समंदर सिंह पिता सरदार घनश्याम, महेंद्र पिता चंदरसिंह, राहुल पिता रघुनाथ, रघुनाथ पिता भगवान जाट, रघुनाथ बरगुंडा, अर्जुन पिता भारत सिंह, इंदर सिंह, अर्जुन पिता बद्री राजपूत, भरत सिंह राजपूत, कैलाश सोलंकी, बहादुर, सुरेश, अर्जुन राजपूत के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, बलवे का मामला दर्ज किया था। पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों पर मामला दर्ज करने के बाद मुख्य आरोपी चंदन सिंह पिता देवी सिंह, अर्जुन हिरासत में पर ले लिया है। वहीं दूसरे पक्ष से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बालमुकुंद गौतम को हिरासत में लिया था।
पत्नी ही टिकट की बड़ी दावेदार
बालमुकुंद धार से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं और एक बार साल 2018 में उनकी पत्नी प्रभासिंह गौतम चुनाव लड़ी और बीजेपी की नीना विक्रम वर्मा से हारीं थी। गौतम एक बार कोर्ट के फैसले के चलते कुछ दिन के लिए ही विधायक बने थे, लेकिन सीधे चुनाव में दो बार हार चुके हैं। वहीं अब उनकी सजा के बाद टिकट के सबसे बड़े दावेदारों में उनकी पत्नी प्रभा ही है, वहीं इसके बाद दिवंगत पूर्व विधायक मोहन सिंह बुंदेला का बेटा कुलदीप सिंह बुंदेला भी है। गौतम परिवार जहां दिग्विजय सिंह का करीबी माना जाता है वहीं बुंदेला परिवार कमलनाथ के करीबी है। ऐसे में टिकट को लेकर दोनों के बीच ही राजनीतिक लड़ाई तेज होगी। बीते साल 2018 चुनाव में धार की सात सीट में केवल धार सीट ही कांग्रेस हारी थी और छह पर जीत हासिल की थी, बाद में उपचुनाव में राजवर्धन दत्तीगांव के बीजेपी में जाने के बाद बदनवार सीट बीजेपी के पास आ गई थी।
गौतम बंधु पर दर्ज हैं कई मामले
आपको बता दें कि पूर्व विधायक और पूर्व धार जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम के खिलाफ कई मामले पहले से दर्ज हैं, वहीं उनके भाई राकेश गौतम पर धार के नेता कैलाश अग्रवाल और उसके ड्राइवर की हत्या के मामले में साजिशकर्ता के तौर दोष सिद्ध होने पर सजा हो चुकी है। आपको बता दें कि गौतम को कांग्रेस में दिग्विजय सिंह खेमे का खास माना जाता है। बालमुकुंद सिंह गौतम पिछले लंबे समय से बदनावर से टिकट की चाहत में हैं। वहीं उनके भाई और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज सिंह गौतम भी धार से टिकट के दावेदार थे। तीनों भाईयों (बालमुकुंद, मनोज और राकेश) को सजा होने से गौतम परिवार के टिकट कटना लगभग तय माने जा रहे हैं। धार और बदनावर से अब कांग्रेस के अन्य दावेदार खुलकर टिकट के लिए आवाज उठाने लगे हैं। बीजेपी गौतम को लेकर एक बार फिर हमलावर हो सकती है।