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अरुण तिवारी, BHOPAL. प्रदेश की नई सरकार अब अपने कामकाज का आकलन करने के लिए सर्वे कराने की तैयारी कर रही है। ये सर्वे लोकसभा चुनाव के बाद होगा, लेकिन इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। हालांकि, सरकार के इस आकलन को प्रदेश का हैप्पीनेस इंडेक्स तैयार करने की कवायद बताई जा रही है। इसका काम आनंद संस्थान को दिया गया है। आनंद संस्थान ने एक फॉर्म तैयार किया है जिसमें करीब दस मुद्दों पर 29 सवाल बनाए गए हैं। यह सवाल प्रदेश के हर ब्लॉक के गांवों तक जाकर अलग-अलग तबकों से किए जाएंगे।
सरकार अपने कामकाज का लोगों से लेगी फीडबैक
प्रदेश की नई सरकार एक नया प्रयोग करने जा रही है। सरकार अपने कामकाज का फीडबैक लेने के लिए एक सर्वे कराने की तैयारी कर रही है। हालांकि इसको प्रदेश का हैप्पीनेस इंडैक्स तैयार करने की कवायद माना जा रहा है। लेकिन असल मकसद कुछ और है। वैसे तो सरकार के पास फीडबैक के लिए अपना पूरा तंत्र होता है, लेकिन उसमें पक्षपात की गुंजाइश ज्यादा रहती है। इसलिए सरकार ने ये काम आनंद संस्थान को दिया है। आनंद संस्थान के लोग एक जिले के दो ब्लॉक में जाएंगे। इन ब्लॉक के अलग-अलग गांव छांटे जाएंगे जहां पर हर तबके के लोगों से एक फॉर्म भरवाया जाएगा। आनंद संस्थान ने दस मुद्दों से जुड़े 29 सवालों को इस सर्वे फॉर्म में शामिल किया है। लोकसभा चुनाव के बाद ये सर्वे कराया जाएगा। आनंद विभाग ने इसे प्रदेश के लोगों का हैप्पीनेस इंडेक्स तैयार करने की प्रक्रिया बताया है।
इस फॉर्म के जरिए लोगों से सवाल पूछे जाएंगे। इन सवालों पर लोगों से एक से पांच नंबर तक देने को कहा जाएगा।
इन सवालों से होगा सरकार के कामकाज का आकलन...
क्या आप शासन-प्रशासन के कामकाज से संतुष्ट हैं?
1. पुलिस के कार्य व्यवहार से
2. सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से
3. स्थानीय प्रशासन यानी पंचायत और नगरीय निकायों से
4. भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए कदमों से
इन सरकारी योजनाओं का आपको कितना लाभ मिलता है?
1. स्वास्थ्य संबंधी योजनाएं
2. शिक्षा संबंधी योजनाएं
3. कृषि संबंधी योजनाएं
4. स्वच्छता संबंधी योजनाएं
सरकार की कार्यवाही इन बिंदुओं पर कितनी प्रभावशाली है?
1. जल संरक्षण के लिए
2. जंगल और पेड़ों के संरक्षण के लिए
3. पशु पक्षियों के संरक्षण के लिए
4. वायु प्रदूषण रोकने के लिए
5. सेनीटेशन के लिए
6. ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए
क्या आपके आसपास सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं और उनकी गुणवत्ता क्या है। क्या इमरजेंसी में वो आपके काम आती हैं?
क्या आपके आसपास स्कूल और कॉलेज हैं। उनमं पढ़ाई की गुणवत्ता क्या है। वहां पर पर्याप्त शिक्षक हैं। क्या आपको शिक्षा संबंधी योजनाओं का लाभ मिल रहा है?
आप अपने आपको कितना सुरक्षित महसूस करते हैं?
आप अपनी आय से कितने संतुष्ट हैं?
आपके यहां अधोसंरचना के मामले में इन बिंदुओं पर क्या राय है?
1. बिजली की आपूर्ति
2. पेयजल की आपूर्ति
3. शौचालयों की उपलब्धता
4. बैंक संबंधी सेवा
परिवहन से जुड़े बिंदुओं पर आप कितने संतुष्ट हैं?
1. सड़कों की स्थिति से
2. सड़कों की कनेक्टिविटी से
3. ट्रैफिक व्यवस्था से
4. सार्वजनिक परिवहन से
5. सड़कों पर उपलब्ध आपातकालीन सेवाओं से
क्या आपके आसपास आजीविका उपार्जन के पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं।
... तो ये वे सवाल हैं जिनके जरिए सरकार देखेगी कि वो प्रदेश की बेहतरी के लिए किस हद तक सफल हो पा रही है।
सरकार की ये पहल अच्छी मानी जा सकती है बशर्ते इस फीडबैक के आधार पर सरकार न सिर्फ अपनी योजनाओं में बदलाव करे बल्कि, उनका क्रियान्वयन भी सुनिश्चित हो। रही बात हैप्पीनेस इंडैक्स की तो आनंद संस्थान पिछले सात सालों में 50 करोड़ खर्च कर भी प्रदेश में आनंद के स्तर को नहीं तलाश पाया है। अब उम्मीद की जा रही है कि इस सर्वे से हैप्पीनेस इंडैक्स का अनुमान भी लग जाएगा।