ग्वालियर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी, कहा-मध्यप्रदेश की मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी कानून से ऊपर, आखिर खोली क्यों गई ?

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Rahul Garhwal
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ग्वालियर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी, कहा-मध्यप्रदेश की मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी कानून से ऊपर, आखिर खोली क्यों गई ?

जितेंद्र सिंह, GWALIOR. उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर ने मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी खोले जाने पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। डिवीजनल बेंच ने कहा कि मध्यप्रदेश की मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी कानून से ऊपर है। आज उसकी वजह से सारी समस्याएं पैदा हो रही है। बेंच ने पूछा कि क्या प्रदेश में मेडिकल कॉलेज ठीक नहीं चल रहे थे जो उनको बदनाम करने के लिए यूनिवर्सिटी खोलने की आवश्यकता पड़ गई। आगे कहा कि मध्यप्रदेश में अच्छे खासे मेडिकल कॉलेज चल रहे थे। कॉलेजों का बड़ा नाम था, लेकिन यूनिवर्सिटी खोलकर सब नष्ट कर दिया। कोर्ट ने पूछा कि डीएमई डॉक्टर हैं या आईएएस, जो व्यक्ति कानून के प्रति गैर-जिम्मेदार है, उसे पब्लिक सर्वेंट रहने का क्या हक है।



सीबीआई ने सौंपी रिपोर्ट, 140 में से 75 सही



उच्च न्यायालय ने मध्यप्रदेश के 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने बंद लिफाफे में 364 में से 140 कॉलेजों की जांच करके रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की। रिपोर्ट में 8 सरकारी कॉलेज से 4 कॉलेज मानकों के विपरीत मिले। वहीं, 10 साल से पुराने 40 कॉलेज में से 27 कॉलेज निर्धारित मानक पूरा करते संचालित पाए गए। 5 साल से ज्यादा पुराने 30 में से 17 और 5 साल से कम पुराने 62 कॉलेज में से 27 नर्सिंग कॉलेज ही नियमानुसार पाए गए। सीबीआई ने बताया 55 कॉलेज सुपीम कोर्ट के आदेश से प्रोटेक्ट हैं। बाकी 169 नर्सिंग कॉलेज की जांच भी जल्द करके देंगे।



MP में नर्सिंग परीक्षा पर लगी रोक बरकरार



मध्यप्रदेश में नर्सिंग परीक्षाओं पर लगी रोक फिलहाल बरकरार रहेगी। ग्वालियर हाईकोर्ट में गुरुवार 27 जुलाई को मध्यप्रदेश की नर्सिंग परीक्षा की अहम सुनवाई हुई। सीबीआई ने 271 नर्सिंग कॉलेजों की रिपोर्ट में से 140 कॉलेजों की रिपोर्ट कोर्ट में समबिट की थी। जिसके आधार पर ये फैसला सुनाया गया है। हाईकोर्ट में सीबीआई ने नर्सिंग कॉलेज की जांच रिपोर्ट भी पेश की है। मामले की अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी।



कोर्ट ने मांगी शिक्षक भर्ती, किरायानामा की जानकारी



उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के जस्टिस रोहित आर्या ने सीबीआई से नर्सिंग कॉलेज में प्राचार्य और शिक्षक की भर्ती करने का रिकॉर्ड भी जांचने को कहा है। उन्होंने कहा कि प्राचार्य और शिक्षक कब भर्ती किए गए। उन्हें वेतन कैसे दिया जाता है। भवन किराए पर है तो किरायानामा देखकर पता करिए कब से किराए पर लिया है। जस्टिस आर्या ने कहा कि प्रदेश में 50 प्रतिशत कॉलेज फ्रॉड हैं।



मध्यप्रदेश में शिक्षा की दुकान और फीस काउंटर खोले



जस्टिस रोहित आर्या ने कहा कि मध्यप्रदेश में शिक्षा की दुकान खोलकर रखी हुई है। फीस के काउंटर खुले हुए हैं। आओ फीस जमा करो, डिग्री ले जाओ। सुविधा के नाम पर 2-3 हजार वर्गफीट में कॉलेज चल रहे हैं। खुलेआम फ्रॉड हो रहा है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग कॉलेज को लेकर जो हो रहा है, वो समाज के खिलाफ है, जनता के खिलाफ है।



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नर्सिंग काउंसिल बोला- सूची दिलवाएं हम कार्रवाई करेंगे



नर्सिंग काउंसिल के अधिवक्ता ने सीबीआई से जांच किए कॉलेजों की सूची दिलवाने का निवेदन किया। उन्होंने बताया कि 364 नर्सिंग कॉलेजों में से 271 कॉलेजों की मान्यता रिन्यु की गई है। उन्हें देखना है कि सीबीआई ने जिन कॉलेजों को अपनी जांच में मानक के अनुरूप चलते नहीं पाया है तो हम भी उन कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। कोर्ट ने सीबीआई से कॉलेजों के नाम देने को कहा, लेकिन नर्सिंग कॉलेज को चेतावनी दी कि यदि आपके द्वारा जिन कॉलेजों की मान्यता रिन्यु की है वो सीबीआई की लिस्ट में निकल आए तो कॉलेजों का निरीक्षण करके मान्यता देने की अनुशंसा करने वाली कमेटी के नाम बताइएगा उनके खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी।


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