इंदौर प्रशासन से नाराज हाईकोर्ट कमेटी, अपर कलेक्टर बेड़ेकर के ट्रांसफर के बाद कोई अधिकारी ही नहीं पहुंचा सुनवाई के लिए

author-image
BP Shrivastava
एडिट
New Update
इंदौर प्रशासन से नाराज हाईकोर्ट कमेटी, अपर कलेक्टर बेड़ेकर के ट्रांसफर के बाद कोई अधिकारी ही नहीं पहुंचा सुनवाई के लिए

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर हाईकोर्ट बेंच के आदेश से कालिंदी गोल्ड, फिनिक्स और सेटेलाइट कॉलोनी के पीड़ितों के निराकरण के लिए काम कर रही रिटायर जज की कमेटी ने इंदौर जिला प्रशासन की कार्यशैली को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। कमेटी ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभी तक प्रशासन ने किसी अधिकारी को कमेटी में ही नहीं भेजा है और इसके चलते प्रशासन के माध्यम से होने वाले काम अटके हुए हैं और पीड़ितों के निराकरण में देरी हो रही है। हालांकि, बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट कमेटी की नाराजगी के बाद अपर कलेक्टर रोशन राय को यह काम देखने का जिम्मा कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी द्वारा सौंपा गया है। संभवत: सोमवार, 7 अगस्त से कमेटी में वह मौजूद रहेंगे। 



25 दिन से अकेले सुनवाई कर रहे हैं रिटायर जज



दरअसल, हाईकोर्ट ने मई के पहले सप्ताह में हाईकोर्ट के रिटायर जज ईश्वर सिंह के साथ ही अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर की कमेटी बनाई थी, लेकिन दस जुलाई को बेड़ेकर को अलीराजपुर कलेक्टर पद पर ट्रांसफर के बाद प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी कमेटी में पहुंचा ही नहीं है। रिटायर जज अकेले ही 25 दिन से सुनवाई कर रहे हैं और इस मामले में वह प्रशासन को पत्र भी लिख चुके हैं। रिटायर जज ने यहां तक टिप्पणी की कि पहले बेड़ेकर थे तो प्रशासन की ओर से काफी मदद मिलती थी, सारी जानकारी, रिकार्ड, नपती वगैरह में जल्दी काम होते थे, लेकिन उनके जाने के बाद और किसी नए अधिकारी के नहीं आने से समस्याएं आ रही हैं। उल्लेखनीय है कि इसके पहले हाईकोर्ट इंदौर ने प्रशासन द्वारा रिटयर जज को 50 हजार रुपए मानेदय नहीं दिए जाने को लेकर भी पिछली सुनवाई में काफी नारजगी जताई थी। 



 फिनिक्स के डिफाल्टर होने के बाद भी हो चुकी है 2019 मे हो गई रजिस्ट्री



फिनिक्स कॉलोनी के पीड़ितों को लेकर भूमाफिया चंपू अजमेरा द्वारा लगातार कहा जा रहा है कि फिनिक्स कंपनी डिफाल्टर में हैं, इसलिए रजिस्ट्री नहीं हो सकती है, यह लिक्विडेटर ही तय करेगा। लेकिन द सूत्र के पास फरवरी 2019 की रजिस्ट्री आई है, जिसमें एक प्लॉट नंबर 2338 की रजिस्ट्री हरीश खंडेलवाल को हुई है। यह रजिस्ट्री पेरेंटल ड्रग्स के अमित गुप्ता द्वारा कराई गई है, जबकि इसकी राशि चंपू ने ली थी। फिनिक्स कंपनी साल 2016-17 में ही डिफाल्टर में चली गई थी तब चंपू को राशि लेने और पेरेंटल ड्रग के गुप्ता को रजिस्ट्री कराने के अधिकार ही नहीं थे। वहीं एक और बात कि यह प्लॉ भी सरकारी जमीन पर आ रहा है, जबकि रजिस्ट्री में लिखा है कि टीएंडसीपी के अनुमति पत्र से नक्शा पास है, तो नक्शे में यह सरकारी जमीन कैसे आ सकती है? फरियादी ने यह रजिस्ट्री और आपत्ति कमेटी के सामने लगा दी है।

 


retired judge committee Indore Plot settlement committee Indore News Indore District Administration मध्यप्रदेश न्यूज Madhya Pradesh News इंदौर जिला प्रशासन रिटायर जज की कमेटी इंदौर इंदौर समाचार प्लॉट के निराकरण की कमेटी