शिवम दुबे, RAIPUR. छत्तीसगढ़ के महादेव सट्टा एप के मामले में रायपुर की विशेष कोर्ट में ईडी का परिवाद पंजीबद्ध कर लिया है। वहीं इस मामले में 13 आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित होने के लिए नोटिस भी जारी किया है। जानकार इसे प्रवर्तन निदेशालय को अदालत से मिली बेहद अहम कानूनी सफलता बता रहे हैं।
10 जनवरी को सुरक्षित रख लिया था फैसला
जानकारों का कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय के परिवार को पंजीबद करने का प्रथम दृष्टया अर्थ यह है कि प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को अदालत में विधिक सहमति दे दी है। जिसका मतलब ये हुआ कि ईडी जिसे अपराध होना बता रही है, वो अदालत में मान लिया है। ईडी ने इस मामले में फैसला 10 जनवरी को ही सुरक्षित रख लिया था।
तेज होगी कार्रवाई
परिवाद पंजीबद्ध होने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे जुड़ी कार्रवाई अब तेज होगी। प्रवर्तन निदेशालय के पास प्रमुख आरोपी शुभम सोनी का मेल है, जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेहद नजदीकी किसी पारिवारिक सदस्य का नाम है। विश्वसनीय सूत्र ये बताते हैं कि इस मामले में हर एक किरदार से पूछताछ की जानी है। इसमें बड़े-बड़े राजनीतिक नामों से भी जल्द ही पूछताछ की जाएगी। फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय की विशेष अदालत में इस मसले में 13 आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी किया है, ताकि 13 आरोपी कोर्ट में पेश हो।
क्या है महादेव सट्टा एप ?
छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने जांच की। कार्रवाई की और गिरफ्तारियां भी कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार महादेव सट्टा एप के जरिए 6 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि अर्जित की गई है। ये राशि बेनामी संपत्तियों बनाने में भी उपयोग की गई है। ये महादेव सट्टा एप के मुख्य कर्ताधर्ता छत्तीसगढ़ के हैं, लेकिन अभी दुबई में बैठकर अपराध कर रहे हैं। इसी मामले में राजनीतिक व्यक्तियों को भी काफी लाभ पहुंचाया गया है, ताकि ये सट्टा एप प्रदेश में अच्छे से चल सके।