NARMDAPURAM. टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में एक बार फिर से बाघ के शिकार का मामला सामने आया है। शिकारियों ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के कोर एरिया में घुसकर बाघ का शिकार किया। वे उसका सिर काटकर अपने साथ ले गए। 26 जून को एसटीआर के चूरना रेंज के डबरा देव बीट में बाघ का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला था। उसकी गर्दन कटी थी। शिकार की इस घटना को अफसर तीन दिन तक छिपाते रहे। तंत्र-मंत्र की क्रिया के लिए टाइगर की गर्दन काटकर ले जाने की आशंका है।
टाइगर स्ट्राइक फोर्स मामले में जांच कर रही है
बुधवार रात को एसटीआर के उपसंचालक संदीप फेलोज ने बाघ के शिकार होने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि बाघ का सिर काटा गया है। टाइगर स्ट्राइक फोर्स मामले में जांच कर रही है। एसटीएफ और एसटीआर की टीम कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी कर रही है। टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में एक बार फिर से बाघ के शिकार का मामला सामने आया है। शिकारियों ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के कोर एरिया में घुसकर बाघ का शिकार किया। वे उसका सिर काटकर अपने साथ ले गए।
26 जून को एसटीआर के चूरना रेंज में क्षत-विक्षत मिला था
26 जून को एसटीआर के चूरना रेंज के डबरा देव बीट में बाघ का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला था। उसकी गर्दन कटी थी। शिकार की इस घटना को अफसर तीन दिन तक छिपाते रहे। तंत्र-मंत्र की क्रिया के लिए टाइगर की गर्दन काटकर ले जाने की आशंका है।
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एनटीसीए के प्रोटोकॉल में बाघ को जलाया गया
स्थानीय अमले के अनुसार बाघ काफी समय से इसी क्षेत्र में अपना इलाका बनाकर रह रहा था। बाघ का शिकारियों द्वारा शिकार किया गया या बाघों के बीच लड़ाई हुई या बीमारी से बाघ की मौत हुई यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। परीक्षण के बाद पोस्टमार्टम के दौरान बाघ के अवयवों को एकत्रित कर लिया गया जिसके बाद बाघ के शव को सभी वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में एनटीसीए के प्रोटोकोल अनुसार जला दिया गया।