देश में पहली बार IIT भिलाई 50 प्रतिशत एथेनॉल मिलाकर डीजल इंजन चलाने में कामयाब,  भारत सरकार ने दिया था ये प्रोजेक्ट 

author-image
Pratibha Rana
एडिट
New Update
देश में पहली बार IIT भिलाई 50 प्रतिशत एथेनॉल मिलाकर डीजल इंजन चलाने में कामयाब,  भारत सरकार ने दिया था ये प्रोजेक्ट 

BHILAI. आईआईटी भिलाई ने डीजल के साथ एथेनॉल के उपयोग की रिसर्च कामयाब की है। भारत सरकार ने आईआईटी भिलाई को एथेनॉल से डीजल इंजन चलाने की रिसर्च का प्रोजेक्ट दिया था। इस वजह से यहां डीजल इंजन को इस तरह मोडिफाई किया गया ताकि यह एथेनॉल मिश्रित डीजल से चल सके। सरकार द्वारा दिया गया ये प्रोजेक्ट सफल हो गया है। 



डीजल के साथ एथेनॉल की रिसर्च कामयाब



देश में पहली बार आईआईटी ने डीजल में 50 प्रतिशत एथेनॉल मिलाकर डीजल इंजन सही तरह से चलाने में सफलता हासिल की है। एथेनॉल एक तरह का ऐल्कोहॉल है, जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह यूज किया जाता है। एथेनॉल यह भविष्‍य का एक बेहद ही महत्‍वपूर्ण तत्‍व है जो वाहनों, प्रदूषण और इसके इस्‍तेमाल से होने वाले फायदे से जुड़ा हुआ है।



दो साल में पूरी हुई ये रिसर्च



बताया जाता है कि इस मिश्रित ईंधन से इंजन ना सिर्फ स्मूथ चला है, बल्कि प्रदूषण भी आधा हुआ है। यही नहीं इससे ईंधन की खपत सीधे 50 प्रतिशत घट सकती है। यह रिसर्च आईआईटी के विशेषज्ञ डॉ. प्रवेशचंद्र शुक्ल और टीम ने दो साल में पूरी की है। अब आईआईटी अपने इस रिसर्च को पेटेंट करने की तैयारी शुरू कर दी। इस टीम ने नया इंजन बनाने के बजाए किसानों द्वारा सिंचाई और कृषि यंत्र के रूप में इस्तेमाल करने वाले पुराने डीजल इंजन पर ही काम किया है।



ये खबर भी पढ़िए.....






गन्ने की फसल से होता है प्रोडक्‍शन 



एथेनॉल एक तरह का ईंधन है, जो पेट्रोल के साथ मिलकर वाहनों की दुनिया में एक नई रिवॉल्यूशन लाएगा। इसीलिए भारत सरकार ने 2025 तक पेट्रोल में करीब 20 प्रतिशत एथेनॉल के मिक्सर का लक्ष्‍य रखा है। इसके साथ ही दुनिया के और भी देश इसके इस्‍तेमाल के लिए कोशिश कर रहे हैं। इसका प्रोडक्‍शन गन्ने की फसल से होता है।

 


IIT Bhilai Government of India project भारत सरकार का प्रोजेक्ट IIT भिलाई डीजल-एथेनॉल की रिसर्च सफल छत्तीसगढ़ में रिसर्च कामयाब छत्तीसगढ़ न्यूज diesel-ethanol research successful Research successful in Chhattisgarh Chhattisgarh News
Advertisment