संजय गुप्ता, INDORE. हिट एंड रन केस को लेकर आईपीसी की धारा में बदलाव होने का प्रस्ताव पास होने के बाद इसका विरोध शुरू हो गया है। अभी तक प्रावधान है कि इसमें थाने से जमानत हो जाती है और अधिकतम दो साल की सजा है। लेकिन नए संशोधित प्रावधान के तहत अधिकतम दस साल की सजा होगी और वाहन चालक पर सात लाख तक का जुर्माना भी होगा। यह प्रावधान एक अप्रैल से लागू होंगे। वहीं इस प्रावधानों का ट्रांसोपोर्टर एसोसिएशन ने विरोध शुरू कर दिया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोट कांग्रेस ने शुक्रवार को इंदौर में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए आंदोलन की चेतावनी दे दी। एसोसिएशन ने कहा कि वर्तमान प्रावधान (अधिकतम दो साल की सजा) काफी है, इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है।
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने यह रखी मांग
एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रेसीडेंट अमृत मदान ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में हिट एंड रन केस में संशोधन का इरादा अच्छा हो सकता है, लेकिन इसमें कई खामियां है, जिस पर तत्काल फिर से विचार करना चाहिए। इससे देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देने वाले ट्रक चालक काफी आशंकित है। एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष विजय कालरा ने कहा कि एक गैस कंपनी के ट्रक चालकों ने तो गाड़ी खड़ी करना शुरू कर दिया है, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में भी ड्राइवर गाड़ी चलाने से मना कर रहे हैं।
- यह कानून बिना किसी परामर्श और सुझाव लिए पेश हुआ है
- यह सेक्टर अभी ड्राइवर की कमी से जूझ रहा है, दस साल जैसी सजा के प्रावधान के बाद और कोई भी इसमें नहीं आएगा, ऐसे में सेक्टर बिना ड्राइवर के बैठ जाएगा
- देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टीशेन प्रोटोकाल का अभाव है, नए कानून में भी यह नहीं है। इसके बिना तय नहीं हो सकता है किन स्थितियों में एक्सीडेंट हुआ, किसकी गलती से हुआ।
- बड़े वाहनों को बिना किसी गलती देखे गलत माना जात है और उनके खिलाफ ही केस बनता है, भले ही गलती छोटे वाहन चालक की हो।
- वाहन चालक एक्सीडेंट के बाद मौके से मदद नहीं करने के इरादा से नहीं भागता है, बल्कि भीड़ आक्रोशित होकर हमला कर देगी, इसलिए वह वहां से भागता है।
पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह से मांग
संस्था के अध्यक्ष अमृतलाल मदान के साथ ही एसोसिएशन के चेयरमैन डॉ. जीआर शनमुगप्पा, चेयरमैन कोर कमेटी बल मलकीत सिंह, संस्था के पूर्व उपाध्यक्ष विजय कालरा, प्रदेश प्रमुख राकेश तिवारी, चेयरमैन ऑल इंडिया आरटीओ समिति सीएल मुकाती औऱ् कार्यकारिमी सदस्य छतरसिंह भाटी ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से इस प्रावधान को रद्द करने की मांग की है। पदाधिकारियों ने कहा कि हम सड़क सुरक्षा में विश्वास रखते हैं, लेकिन हम हजारों मेहनती व्यक्तियों की जीविक का भी समर्थन करते हैं। ट्रक चालक समुदाय के बीच इस प्रावधान के बाद विरोध की लहर है और वह अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं। इसके चलते अर्थव्यवस्था की रीढ की हड़्डी यह सेक्टर संकट में आ गया है।