संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के पूर्व विधायक व कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल को कोर्ट ने गुरुवार को कोर्ट उठने तक खड़े रहने की सजा सुनाई। उनके साथ 13 अन्य लोगों को भी सजा सुनाई गई और दस-दस हजार का अर्थदंड भी लगाया। इंदौर के तृतीय व्यवहार न्यायाधीश माननीय सुरेश यादव ने यह सजा उन्हें देपालपुर में बिना मंजूरी रैली निकालने के लिए सुनाईष न्यायालय ने ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल करने के लिए 30 दिन की मोहलत भी स्वीकृत की है। उन पर इस मामले में प्रतिबंधात्मक धारा 188 और 143 में केस दर्ज किया था।
यह है मामला
पूरा मामला वर्ष 2018 से जुड़ा है जहां विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने बाद उन्होंने अपने 14 से ज्यादा समर्थकों के साथ किसानों को लेकर एक प्रदर्शन किया था । जिसके लिए उन्होंने एसडीएम और पुलिस थाने से कोई अनुमति नहीं ली थी लिहाजा एक शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया और जांच के करीब 1 साल बाद प्रकरण दर्ज हुआ। गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए प्रति व्यवहार न्यायाधीश माननीय सुरेश यादव ने पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल सहित उनके 13 अन्य समर्थकों को धारा 144 के अंतर्गत कोर्ट उठने तक खड़े रहने की सजा सुनाई साथ ही धारा 188 में सभी आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया।
कोर्ट ने सुनवाई के लिए 30 दिन की मोहलत दी
कोर्ट ने सभी आरोपियों को ऊपरी न्यायालय में सुनवाई के लिए 30 दिन की मोहलत दे दी है। इस बारे में जानकारी देते हुए सत्यनारायण पटेल के वकील संतोष यादव ने बताया कि माननीय न्यायालय ने हमारी सभी दलीलों को सुना है वही तहसीलदार और पुलिस के बयान पक्ष विरोधी होने के बावजूद भी न्यायालय ने 1 दिन खड़े रहने की सजा सुनाई है।
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यह बोले पटेल
वह इस मामले में कोर्ट में उपस्थित हुए पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल का कहना था कि यह मामला जन आंदोलन और किसानों की समस्या से जुड़ा हुआ था जिसे लेकर हमारे ऊपर मामला दर्ज किया गया प्रजातंत्र में धरना प्रदर्शन ही जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने का माध्यम है हम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं।
इनको भी मिली सजा
पटेल के साथ पूर्व जिला पंचायत सदस्य कृपाराम, पूर्व पार्षद महेश पाटीदार, मोहन चौधरी, इकबाल मंसूरी, निराला डागर, पोप सिंह मालवीय, आदित्य अग्निहोत्री, मिथिलेश जोशी, मोहन पटेल, वासुदेव, विनोद दरबार और कमल जाधव को सजा मिली थी।