संजय गुप्ता, INDORE. मप्र में इंदौर और भोपाल में दो साल पहले लागू हुई पुलिस कमिशनरी के बाद लॉ एंड ऑर्डर से दूर बनाने वाले कलेक्टोरेट के एसडीएम, तहसीलदार जैसे अधिकारियों को नए कलेक्टर आशीष सिंह ने मजिस्ट्रियल पॉवर समझा दी। कलेक्टर सिंह ने गुरुवार को ली बैठक में साफ शब्दों में समझा दिया कि लॉ एंड आर्डर मामले में आगे रहना है। कमिशनरी सिस्टम में केवल 107,116 जैसी धारा ही गई है, लेकिन कलेक्टोरेट का लॉ एंड आर्डर से दखल खत्म नहीं हुआ है। आगे बढ़कर शहर में काम करना है और जहां भी कोर्डिनेशन या कोई समस्या आए तो सीधे मुझे फोन कीजिएगा।
नौकरी करना सीख लीजिए, शिकायतें न आएं मेरे पास
सिंह ने अधिकारियों को साफ शब्दों में कह दिया कि कुछ शिकायतें मेरे पास अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर आई है। वह नौकरी करना सीख लें, शिकायत आई तो मैं कार्रवाई करने में देरी नहीं करूंगा। मेरे पास किसी भी स्तर, स्त्रोत से शिकायतें नहीं आना चाहिए।
रजिस्टर पर लगी हाजिरी, अधिकारियों के नंबर लिए
बैठक के दौरान सभी अधिकारियों की हाजिरी भी लगी। सभी से रजिस्टर पर नाम, मोबाइल नंबर के साथ हस्ताक्षर लिए गए कि कौन मीटिंग में आया और कौन नहीं। कलेक्टर ने राजस्व कामों पर फोकस करने के लिए कहा।
सांवेर एसडीएम ने अटकाए डायवर्सन, वसूली एक फीसदी भी नहीं
नामांतरण, सीमांकन, बटांकन से लेकर डायवर्सन तक में इंदौर जिले की हालत खराब है। केवल अविवादित नामांतरण में ही इंदौर जिला आगे हैं, बाकी जगह उसकी रेंक काफी पीछे हैं। अधिकांश तहसीलों में लंबित मामलों को ढेर लगा हूं है तो वहीं डायवर्सन करने और इसका टैक्स वसूलनमें एसडीएम खासे पीछे हैं। सांवेर एसडीएम गोपाल वर्मा ने पास डायवर्सन केस लंबित है। गांवों और सर्वे नंबरों को विविध प्रोजेक्ट में बताकर प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल रखा है। इसके चलते टैक्स वसूली भी वहां एक फीसदी से कम है। सीएम हेल्पलाइन में भी सांवेर के हाल खराब है और सबसे ज्यादा शिकायतें यहीं पर लंबित है। कलेक्टर ने डायवर्सन की वसूली के सख्त निर्देश दिए।
ये है राजस्व अधिकारियों के काम के हाल और इंदौर की रेंक
- अविवादित नामांतरण में निराकरण 86 फीसदी, मप्र में रेंक 4
- विवादित नामांतरण में निराकरण 69 फीसदी, मप्र में रेंक 29
- अविवादित बटांकन में निराकरण 78 फीसदी, मप्र में रेंक 11
- विवादित बटाकंन में निराकरण 59 फीसदी, मप्र में रेंक 28वीं
- सीमांकन में निराकरण 83 फीसदी, मप्र में रेंक 42वीं
- राजस्व वसूली लक्ष्य का मात्र 11 फीसदी, कनाडिया ने सबसे ज्यादा 35 फीसदी की वहीं सांवेर ने मात्र 0.80 फीसदी।
- सीएम किसान कल्याण योजना में 84 हजार से ज्यादा किसान है लेकिन इसमें 34 हजार से ज्यादा का सत्यापन बाकी है
- सीएम हेल्पलाइन निराकरण में इंदौर की रेंक 29वीं है।