JABALPUR. जबलपुर में भी एसडीएम ज्योति मौर्य जैसा केस सामने आया है। सरकारी स्कूल में टीचर रामजी पटेल ने साल 2002 में शादी की थी। दो बच्चे भी हुए, बच्चे होने के बाद रामजी ने छोटी सी पगार में ही पत्नी को बीए, एमए और फिर बीटीआई की पढ़ाई करवाई। पढ़ लिखकर पत्नी ने शिक्षा विभाग में आवेदन दिया तो साल 2009 में वह सरकारी शिक्षक बन गई। दोनों की पोस्टिंग मैहर में हुई थी। साल 2015 में रोशनी का तबादला जबलपुर हो गया। जिसके बाद एक तीसरे शख्स यानि पत्नी रोशनी के प्रेमी की एंट्री होती है, और पति पत्नी की राहें जुदा हो जाती हैं।
दहेज प्रताड़ना का लगाया केस
जिंदगी में श्याम सुंदर नाम के प्रेमी की एंट्री के बाद से ही रोशनी ने पति रामजी से छुटकारा पाने की कोशिशें शुरु कर दी थीं। साल 2018 में उसने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस भी लगाया, वह भी शादी के 17 साल बाद। इसके बाद रोशनी अपने दोनों बच्चों के साथ जबलपुर में ही अलग रहने लगी। अब पति रामजी ने जनसुनवाई के माध्यम से एसपी, कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत सौंपकर न्याय की मांग की है।
ज्योति मौर्य केस देख की शिकायत
वैसे तो रामजी और रोशनी बीते 5 सालों से अलग रह रहे हैं, लेकिन जब रामजी को एसडीएम ज्योति मौर्य वाला केस पता चला, तो उसे लगा कि शिकायत करने पर शायद उसे न्याय मिल जाए। उसने पत्नी के प्रेमी श्यामसुंदर के खिलाफ भी शिक्षा विभाग से लेकर तमाम जगह शिकायतें की हैं। रामजी का यह आरोप भी है कि जब उसने दोनों के लिव इन रिश्ते पर आपत्ति जाहिर की तो श्यामसुंदर ने उसे जान से मारने की धमकी दे डाली।
लाखों की जायदाद भी अधर में
रामजी पटेल ने बताया कि उसने अपनी पत्नी के नाम पर 50 लाख रुपए कीमत के 3 प्लॉट लिए थे। शादी के बाद एक मकान भी बनवाया था, रोशनी की पढ़ाई में खर्च बढ़ा तो मकान आज तक पूरा नहीं बन पाया है। रोशनी की धोखेबाजी से उसकी लाखों रुपए की जायदाद भी अधर में है। ये सब उसने अपने परिवार के लिए किया था लेकिन पत्नी के बेवफा हो जाने के बाद वह पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है।