संजय गुप्ता, INDORE. मांडू की खास खुरासानी ईमली के पेडों को हैदराबाद के बॉटनीकल गार्डन में शिफ्ट करने के उठे विवाद को लेकर अब कांग्रेस मैदान में आई है। कांग्रेस ने इसे भ्रष्टाचार का नमूना बताते हुए नेशनल बायोडवर्सिटी अथॉरिटी, मप्र स्टेट बॉयोडवर्सिटी बोर्ड, एडिशनल प्रिंसीपल चीफ कन्जरवेटर ऑफ फॉरेस्ट, एडिशनल प्रिंसीपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फारेस्ट इंदौर सर्कल, डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफीसर, धार कलेक्टर, धार तहसीलदार व अपर तहसीलदार के साथ ही मेसर्स ग्रीन किंगडम बॉटनीकल गार्डन्स प्रालि को लीगल नोटिस भेजे हैं।
कांग्रेस ने यह लगाए आरोप
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता संतोष गौतम, संभागीय प्रवक्ता रेवतीरमण सिंह राजूखेड़ी, राष्ट्रीय समन्वयक विधि विभाग युवा कांग्रेस जयेश गुरनानी द्वारा इंदौर में ली गई प्रेस कंफ्रेंस में कहा गया कि- खुद को आदिवासियों का हितैषी बनने वाली बीजेपी सरकार का भ्रष्टाचार का नमूना है कि धार जिला प्रशासन की अनुशंसा पर वन विभाग के अधिकारियों द्वारा 11 खुरासानी इमली के पेड़ को (बेहद दुर्लभ प्रजाति) हैदराबाद स्थित ग्रीन किंगडम नामक प्राइवेट कंपनी के बॉटनीकल गार्डन में ट्रांसलोकैट कर दिया जाता है। जबकि प्रशासन को इस तरह की मंजूरी देने का अधिकार ही नहीं है। बायोलॉजिकल डायवर्सिटी अधिनियम 2002 के तहत किसी भी बायोलॉजिकल रिसोर्ट को व्यवसायिक उद्देश्य के लिए उपयोग लेने से पहले मध्य प्रदेश बायोडायवर्सिटी बोर्ड की अनुमति लेनी पड़ती है तथा उक्त बोर्ड के अलावा यह अनुमति कोई भी प्रशासनिक अधिकारी विधि अनुसार प्रदान नहीं कर सकता। धार जिला प्रशासन के तथा इंदौर वन विभाग के अधिकारियों द्वारा सरकारी ओहदे और रसूख़ का गलत इस्तेमाल कर अपने स्तर पर अवैधानिक स्वीकृति प्रदान की गई। इसमें तहसीलदार धर्मपुरी और तहसीलदार नालछा तथा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन वृत्त इंदौर तथा वन मंडल अधिकारी धार जुड़े हैं।
हैदराबाद से वापस मांडू लाएं जाएं पेड़, नोटिस में यह है मांग
कांग्रेस ने कहा कि खुरासानी इमली जो एक दुर्लभ प्रजाति का पेड़ है और जिसे धार जिले के आदिवासी भाई-बहनों ने वर्षों से सहेज कर रखा था वह अब बीजेपी शासन और उसके भ्रष्ट अधिकारियों की लोभ, लालसा और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता जा रहा है। आदिवासियों ने इसे पेड़ को परिवार का सदस्य समझकर संरक्षण किया है। इसलिए आदिवासी नेता रेवतीरमण सिंह राजूखेड़ी द्वारा युवा कांग्रेस विधि विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक अभिभाषक जयेश गुरनानी के माध्यम से मध्यप्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों तथा उक्त अवैधानिक कृत्य करने वाले धार जिले और वन विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों को लीगल नोटिस प्रदान किया गया है। नोटिस में मांग है कि हैदराबाद के बॉटनीकल गार्डन में भेजे गए खुरासानी इमली के पेड़ों को धार जिले में फिर स्थापित किया जाए और किंगडम नामक कंपनी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए। पेड़ों के ट्रांसलोकैट की साजिश से आधिवासियों के हित प्रभावित होते हैं।
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यह है विवाद
मई में मांडू से यह प्लांट हैदराबाद ट्रांसलौकेट होने शुरू हुए। इसके बाद ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। चक्काजाम किया गया। इसके बाद प्रशासन इसमें बैकफुट पर आया और यह रोक लगाई। इन प्लांट को करीब 350 एकड़ में फैले हैदराबाद के बॉटनीकल गार्डन में लगाया जाना था, लोगों के विरोध के बाद कई निकाले गए पेड़ों को फिर प्रशासन ने गड्ढे खोदकर लगाने का भी काम किया था।