राजस्थान में ''रेगिस्तानी जहाज'' की जगह अब हवाई उड़ान का क्रेज, इस सीजन में 55 दुल्हनों की हेलिकॉप्टर से विदाई

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BP Shrivastava
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राजस्थान में ''रेगिस्तानी जहाज'' की जगह अब हवाई उड़ान का क्रेज, इस सीजन में 55 दुल्हनों की हेलिकॉप्टर से विदाई

JAIPUR. राजस्थान में रेगिस्तानी जहाज यानी ऊंट को सब जानते पहचानते हैं। शादी-ब्याह से लेकर खुशी के मौकों पर राजस्थान में ऊंट की सवारी खूब होती है। यहां के गांव-ढाणी में कई सालों से शादी में दूल्हे को रेगिस्तानी जहाज पर बैठाकर बारात निकाली जाती रही है, लेकिन अब ग्रामीण अंचल में भी खुशी के मौके पर उड़न खटोले यानी हेलिकॉप्टर को शामिल करने का क्रेज दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। शादी के इस सीजन में करीब 55 शादियों में दुल्हनों की विदाई हेलिकॉप्टर से हुई।



माता-पिता के रिटायमेंट पर भी बच्चे करा रहे हेलिकॉप्टर बुक



शादी के अलावा ग्रामीण इलाकों में नौकरीपेशा लोगों के बच्चे अपने माता-पिता की रिटायरमेंट पर भी उन्हें खुशी देने के लिए भी इसे बुक करवा रहे हैं। यही वजह है कि कठूमर में पिछले दिनों सितंबर महीने में हुई शादी बड़ी चर्चा का विषय रही। इसमें एक गरीब परिवार में बेटे की शादी में पिता ने खुशी को जाहिर करने के लिए हेलिकॉप्टर बुक करवा लिया। पहले तो ग्रामीणों को यह कोई मजाक लगा, मगर जब हेलिकॉप्टर में दूल्हा अपनी दुल्हन को लेकर घर पहुंचा तो सब चौंक गए। इसके बाद कई नजदीकी गांवों में भी हेलिकॉप्टर से बारात गईं और दुल्हन को हवाई सफर से ब्याह कर लाए।



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शादियों में हेलिकॉप्टर का बढ़ रहा ट्रेंड



यही नहीं, अलवर जिले में भी एक गरीब परिवार की ओर से हेलिकॉप्टर से दुल्हन को ससुराल लाना चर्चा का विषय बना रहा। जिसमें दूल्हे के माता-पिता ने अपने बेटे की खुशी के लिए हेलिकॉप्टर की बुकिंग करवाई। वहीं, दुल्हन के अलावा बारातियों को भी हेलिकॉप्टर से ले जाने का नया ट्रेंड इन दिनों सामने आया है, जिसमें दूल्हे का परिवार बारात में खास लोगों को भी हेलिकॉप्टर से लेकर जा रहे हैं।



शहर में लैंडिंग दिक्कत, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में क्रेज बढ़ा



शहरी लोग शादियों में हेलिकॉप्टर की लैंडिंग के स्पेस के ना होने के चलते इसको इस्तेमाल से बच रहे हैं वहीं, ग्रामीण इलाकों में इसकी कोई समस्या नहीं है। क्योंकि इसकी परमिशन से जुड़ी स्वीकृति के बाद ही बुकिंगकर्ता को प्राइवेट जगह पर हेलीपैड बनाने के लिए जगह उपलब्ध करवाई जाती है।



हेलिकॉप्टर नहीं मिलने पर लग्जरी गाड़ियों का इस्तेमाल



बता दें, इस सीजन प्रदेश के कई जिलों में 55 शादियों में हेलिकॉप्टर से दुल्हन की विदाई हुई। इतना ही नहीं कई शादियों में हेलिकॉप्टर उपलब्ध नहीं होने की वजह से हेलिकॉप्टर की बजाय मजबूरन लग्जरी गाड़ियों में दुल्हन को लाया गया, जिससे अंदाजा लगाना आसान है कि राजस्थान में हेलिकॉप्टर का कितना क्रेज हो चुका है।



एक हेलिकॉप्टर की बुकिंग करीब ढाई लाख तक



एवन हेलिकॉप्टर डायरेक्टर के सोहन सिंह के अनुसार, प्रदेश में एवन कंपनी के पास तीन हेलिकॉप्टर हैं, जिसके एक हेलिकाप्टर की बुकिंग करीब ढाई लाख तक की जाती है। इसके बाद अगर हेलिकॉप्टर की डिमांड होती है तो वह नजदीकी राज्यों से मंगाया जाता है, जिनकी कीमत दोगुनी होती है।

लेकिन फिर भी यहां हेलिकॉप्टर की डिमांड कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। जिसके चलते पिछले दिनों शादियों के सीजन में कई लोगों को हेलिकॉप्टर की उपलब्ध भी नहीं हो सके।



आंकड़ों की बात करें तो पिछले दिनों शादियों के सीजन में प्रदेश के गांवों में करीब 55 ऐसी शादियां हुईं जिनमें दुल्हन को ससुराल तक लाने के लिए दूल्हे ने हेलिकॉप्टर से उड़ान भरी। इतना ही नहीं आगामी सीजन के सहालग भी एडवांस बुकिंग लगभग पूरी हो चुकी है। इन सभी में अधिकतर मिडिल क्लास परिवार की शादियां शामिल हैं।


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