RANCHI. भारतीय महिला हॉकी टीम का पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों में खेलने का सपना टूट गया। विमेंस टीम इंडिया को ब्रॉन्ज मेडल मैच में जापान ने 1-0 से हराया। जापान की ओर से काना उराता ने छठे मिनट पर मिले पेनल्टी कॉर्नर पर गोल दागा। उसके बाद भारतीय खिलाड़ी बराबरी का गोल नहीं कर सकीं। टोक्यो ओलिंपिक में टॉप-4 पर रहने वाली भारतीय टीम पेरिस ओलिंपिक में दिखाई नहीं देगी। इस टूर्नामेंट की टॉप-3 टीमों को पेरिस ओलिंपिक का टिकट मिला। इनमें अमेरिका, जर्मनी और जापान शामिल रहे।
भारतीय टीम ने गोल के कई मौके गंवाए
सेमीफाइनल में जर्मनी से हार के बाद भारतीय टीम को ओलंपिक में क्वालीफाई करने का दूसरा मौका मिला था, लेकिन टीम इसे भुनाने में कामयाब नहीं हुई। जापान के लिए इकलौता गोल उराता काना ने किया। उन्होंने छठे मिनट में ही अपनी टीम को बढ़त दिला दी। उसके बाद भारतीय खिलाड़ियों ने लगातार हमले किए। दूसरे, तीसरे और चौथे क्वार्टर में टीम इंडिया ने जापान को गोल नहीं कर दिया। हालांकि, बेहतर डिफेंस के साथ दमदार आक्रमण की भी आवश्यकता थी। ऐसा भारतीय खिलाड़ी नहीं कर पाईं। उन्होंने गोल के कई मौके भी गंवाए।
पहले सेमीफाइनल में जर्मनी से मिली थी हार
एक दिन पहले सेमीफाइनल मुकाबले में भारत को पेनल्टी शूटआउट में जर्मनी के खिलाफ सडन डेथ-2 में 2 (4)-2 (3) हार का सामना करना पड़ा था। मुकाबला 2-2 की बराबर रहा था। ऐसे में पेनल्टी शूटआउट का सहारा लेकर विजेता का फैसला करना पड़ा। पेनल्टी शूटआउट 3-3 से बराबर रहने के बाद मुकाबला सडन डेथ में चला गया।
पहला सडन डेथ में भारतीय टीम ने बराबरी हासिल की, लेकिन सडन डेथ में सविता बचाव नहीं कर सकीं और भारत की हार हुई। भारतीय टीम ने अपने आखिरी लीग मुकाबले में इटली को 5-1 से हराते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। टीम ने दूसरे मुकाबले में न्यूजीलैंड को 3-1 से मात दी। पहले मैच में भारतीय टीम को अमेरिका के खिलाफ 0-1 की हार का सामना करना पड़ा था।
ओलंपिक खेलने का सपना चौथी बार टूटा
भारतीय महिला टीम 1980 के बाद 2016 ओलंपिक में खेली थी। इस दौरान टीम आठ ओलंपिक खेलों का हिस्सा नहीं बन पाई थी। 2016 से टीम के प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ था। 2022 में तो उसने चौथा स्थान भी हासिल कर लिया था। लेकिन इस बार फिर उसे निराशा हाथ लगी है। टीम के पास चौथी बार ओलंपिक में खेलने का मौका था, लेकिन उसने इसे गंवा दिया।