संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर कलेक्टोरेट में सोमवार को हुई समयावधि (टीएल) बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने सीएमएचओ डॉ. भूरेलाल सैत्या को बैठक से बाहर कर दिया। इस दौरान विवाद की भी स्थिति बन गई। कलेक्टर ने संजीवनी क्लिनिक को लेकर उनसे जानकारी मांगी थी, जिस पर वह स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाए, इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की। इस पर सैत्या उनसे कह बैठे कि आपके निशाने पर तो हमेशा मैं ही रहता हूं और बार-बार आप मुझे ही बोलते हैं। इस बहस से कलेक्टर और नाराज हो गए और उन्हें बैठक से तत्काल वापस जाने के लिए कह दिया। लेकिन डॉ. सैत्या बड़बड़ाते रहे कि सस्पेंड करना तो कर दीजिए, हर बार मेरे साथ ही यह होता है। इसके पहले तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिया के काम से नाखुशी जताते हुए बैठक से बाहर किया था, जिस पर उनकी तबीयत बिगड़ गई थी।
थोड़ी देर बाद कलेक्टर ने वापस बुलाया
बैठक में कलेक्टर ने थोड़ी देर बाद ही उन्हें वापस बुला लिया और डॉ. सैत्या थोड़ी देर बाद बैठक में आए और चुपचाप बैठे रहे। जानकारी के अनुसार संजीवनी क्लीनिक के लिए जमीन दी गई है और अब इन क्लिनिक के लिए स्टॉफ की व्यवस्था करना है। इसी की प्रगति को लेकर कलेक्टर ने उनसे जानकारी मांगी थी और काम में देरी के चलते नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने निर्देश दिए कि संजीवनी क्लीनिक भवनों के निर्माण का कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में किया जाए। उन्होंने दस्तक अभियान और टीकायान की उपलब्धियों की समीक्षा भी की।
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बैठक में बताया सीएम हेल्पलाइन में टॉप फाइव में इंदौर
बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि इंदौर में नशे की प्रवृत्ति पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इंदौर इस माह भी सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण में प्रदेश के टॉप फाइव जिलों में शामिल है। इंदौर जिला लगातार तीन माह से टॉप फाइव में आ रहा है। अगला लक्ष्य जिलों को पूरे प्रदेश में अव्वल बनाने का है। कलेक्टर ने बताया कि सभी अधिकारियों को एक-एक कॉलेज की जवाबदारी दी जाएगी। यह अधिकारी कॉलेजों में पहुंचकर नशाखोरी के विरुद्ध वातावरण निर्माण करेंगे। जिले में शासकीय स्कूलों की एक हजार कक्षाओं को स्मार्ट बनाने का अभियान प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रशंसा पत्र देकर पुरस्कृत किया।