संजय गुप्ता, INDORE. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) इंदौर ने भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दीपक जैन उर्फ दिलीप सिसौदिया को रिमांड खत्म होने के बाद ईडी स्पेशल कोर्ट में 16 जून को पेश किया। दोपहर में थोड़ी देर में ही सुनवाई खत्म हो गई, इसमें ईडी ने ही मद्दा की रिमांड नहीं मांगी क्योंकि 15 दिन तक लंबी पूछताछ हो चुकी थी। वहीं मद्दा के भी वकील विशाल बाहेती ने बात रखी कि ईडी हर तरीके इतने दिन में पूछताछ कर चुकी है और अब उनके पास कोई रिमांड लेने का आधार नहीं बनता है। ऐसे में रिमांड नहीं देना चाहिए। इसके बाद स्पेशल कोर्ट ने उसे वापस जेल भेजने के आदेश दे दिए और पुलिस उसे वापस जेल लेकर चली गई। जिला कोर्ट में अब अगली सुनवाई 30 जून को होगी।
मद्दा पहले से ही पौने पांच करोड़ के घोटाले में जेल में बंद
मद्दा तीन अप्रैल को क्राइम ब्रांच द्वारा कल्पतरू सोसायटी के मामले में दर्ज हुई एफआईआर मामले में गिरफ्तार हुआ था। तभी से वह जेल में बंद है। यह घोटाला करीब पौने पांच करोड़ रुपए का है। इस घोटाले के दौरान ही ईडी ने मई माह में सुरेंद्र संघवी और दीपक मद्दा के यहां सर्च की थी। जिसमें संघवी और उसके बेटे प्रतीक संघवी से ईडी पूछताछ कर चुकी है और मद्दा से पूछताछ के लिए उसे ईडी ने जेल से गिरफ्तार किया और फिर स्पेशल कोर्ट में पेश कर रिमांड ली। दो बार रिमाडं मिली और करीब 15 दिन मद्दा से ईडी ने जमकर पूछताछ की।
यह सभी संस्थाएं जांच में, एक हजार करोड़ का घोटाला
मद्दा द्वारा विविध सोसायटी में किए गए घोटालों का वैल्यूएशन ईडी ने एक हजार करोड़ के करीब किया है। प्रारंभिक तौर पर मजदूर पंचायत सोसायटी की पुष्पविहार, देवी अहिल्या सोसायटी की अयोध्यापुरी, त्रिशला संस्था, न्यायनगर संस्था, कल्पतरू, श्री राम संस्था, हिनापैलेस इन सभी को ईडी ने औपचारिक तौर पर जांच में लिया है, क्योंकि इन सभी मामलो में जिला प्रशासन ने मद्दा व अन्य पर केस दर्ज किया हुआ है।
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मद्दा से मिली जानकारी को अब फिर से करेंगे क्रास चेक
ईडी ने मद्दा से पूछताछ के पहले दर्जन भर बड़े लोगों से पूछताछ की और उनके खाते जांचे। साथ ही सहकारिता विभाग से भी कई जानकारी और फाइल ली है। इनके बाद ईडी ने सवालों की लिस्ट बनाई और फिर मद्दा को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर जानकारियों को क्रास चेक किया है। मद्दा और अन्य लोगों से मिली जानकारी को अब ईडी क्रास चेक करेगा और फिर एक बार मनी फ्लो का बताकर मनी लाण्ड्रिंग की राशि का पता लगाकर उससे खरीदी गई संपत्तियों को अटैच करने की कार्रवाई करेगा।
इस जांच के दायरे में यह सभी बड़े लोग उलझ रहे
ईडी छापे के दौरान ही बिल्डर मनीष शाहरा से जमीन के सौदे को लेकर दस्तावेज ले चुकी है साथ ही त्रिशला संस्था की जमीन को लेकर छोटे भाई नितेश शाहरा से पूछताछ भी हो चुकी है। मद्दा के दखल वाली मजदूर पंचायत की पुष्पविहार सोसायटी में पिंटू छाबड़ा, केशव नाचानी, ओमप्रकाश धनवानी ने जमीन ली है, यह जमीन उसने अपने साले दीपेश वोरा, भाई कमलेश जैन और मैनेजर नसीम हैदर के जरिए बिकवाई। अयोध्यापुरी में सुरेंद्र संघवी के बेटे प्रतीक संघवी और मुकेश खत्री के साथ डायरेक्टरशिप में खुद ही जमीन खरीदी। विवादित बिल्डर नीलू पंजवानी के साथ भी मद्दा के कारोबारी संबंध रहे हैं। वहीं दिलीप गुप्ता, राजेंद्र आगार, आशीष जैन, कुलभूषण मित्तल, अजय अग्रवाल सहित कई लोगों के भी मद्दा के साथ संबंध रहे हैं। श्रीराम संस्था, हिना पैलेस की जमीन के खेल में जितेंद्र (हैप्पी) धवन और राजीव धवन भी मद्दा से जुड़े रहे हैं। इसके अलावा बॉबी छाबड़ा के साथी रणवीर सिंह सूदन भी जांच के दायरे मे हैं, जिसमें पर्दे के पीछे बॉबी छाबड़ा का भी नाम आ रहा है।