संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर हाईकोर्ट द्वारा रिटायर जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने भूमाफिया को बड़ा झटका दिया है। द सूत्र ने रेरा एक्ट के तहत ब्याज दर तय करने की बात कही थी। इसी फैक्ट पर कमेटी ने भी गुरुवार को सुनवाई के दौरान औपचारिक घोषणा कर दी कि रेरा एक्ट में जो अधिकतम लैंडिंग रेट ब्याज की लगती है, जो अभी दस फीसदी है। उस पर दो फीसदी और ज्यादा यानि हम 12 फीसदी ब्याज की दर से भुगतान की अनुशंसा करते हैं। इस दर से यदि किसी ने पांच लाख रुपए जमा किए थे, तो दस साल बाद उसे छह लाख का ब्याज मिलेगा, यानि कुल 11 लाख रुपए मिलेंगे।
कमेटी के सामने खड़े हो गए पीड़ित, मांगा प्लॉट
लेकिन इस दर के बाद भी कालिंदी गोल्ड के कई पीड़ितों ने कमेटी को यह प्रस्ताव मानने से मना कर दिया। दस-15 पीड़ित तो कमेटी के सामने वहीं खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि सर हमें तो प्लॉट के बदले प्लॉट ही चाहिए, या फिर बाजार दर से भुगतान किया जाए, जो 25-30 लाख रुपए होता है। इस पर कमेटी ने कहा कि इनके पास प्लॉट नहीं है, यह पेमेंट करने का बोल रहे हैं, जिसे स्वीकार हो वह एक-एक कर आकर हां कह दे नहीं तो इंकार कर दे, हम अपनी रिपोर्ट में सब बात स्पष्ट लिखकर दे देंगे। इसके बाद अधिकांश लोगों ने पेमेंट लेने से मना कर दिया।
भूमाफिया ने किया खेल, ऊपर से लिए पेमेंट मानने से किया इंकार
इधर बढ़ी हुई ब्याज दर के बाद भूमाफिया ने नया पैंतरा खेल दिया। उन्होंने डायरियों पर हुए पेमेंट, जिस पर खुद उनके हस्ताक्षर है और लिखा हुआ है पेमेंट, इसके बाद भी इसे मानने से ही इंकार कर दिया और केवल रसीद और नंबर एक में चेक आदि से हुए भुगतान को ही मान्य किया। रेलवे से रिटायर कर्मचारी मनोहर मालवीय ने द सूत्र को बताया कि उन्होंने 1250 वर्गफीट का एक प्लॉट 660 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से खरीदा और इसका फुल पेमेंट 8.25 लाख रुपए दिए हैं। इसमें नंबर एक में इन्होंने चार लाख रुपए लिए हैं, इसकी रसीद है। लेकिन भूमाफिया ने डायरी पर हुए सौदे को खारिज कर दिया और कहा कि हम तो चार लाख पर ही 12 फीसदी दर से भुगतान करेंगे। डायरी पर फुल पेंमेंट लिखा होने के बाद भी भूमाफिया ने मानने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि यह तो पीड़ित ने खुद ही हाथ से लिख लिया, यह हमारी साइन नहीं है। इस विवाद पर मालवीय रुआंसे हो गए और कहा कि मैंने अपनी पेंशन, ग्रेच्युटी की राशि लगाकर यह प्लाट लिया था, लेकिन सारी पूंजी डूब गई। इसी तरह एक अन्य पीड़ित ने चार लाख रुपए नंबर एक में और सवा दो लाख रुपए नंबर दो में डायरी पर दिए, पीड़ितों ने इन्हें भी केवल चार लाख देने की बात कही।
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इधर... एक बार फिर उलझे गर्ग और चंपू
वहीं सेटेलाइट को लेकर विवाद सुलझाने में जुटी कमेटी के सामने एक बार फिर कैलाश गर्ग और चंपू अजमेरा उलझ गए। दोनों ने फिर एक-दूसरे को झूठा कहा। कैलाश गर्ग ने कहा कि सर कुछ करते क्यों नहीं, इसे (चंपू) को पकड़ो इसने ही सब कुछ घोटाला किया हुआ है। कमेटी ने सभी पक्षों से लिखित में जवाब देने के आदेश दिए हैं। कमेटी शुक्रवार को फिनिक्स मामले में सुनवाई करेगी।