इंदौर भूमाफिया चंपू अपने ही करार में उलझा, हैंडराइटिंग एक्सपर्ट देख बोला हैप्पी साइन से मना नहीं किया, मद्दा को फिर भेजा जेल

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Jitendra Shrivastava
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इंदौर भूमाफिया चंपू अपने ही करार में उलझा, हैंडराइटिंग एक्सपर्ट देख बोला हैप्पी साइन से मना नहीं किया, मद्दा को फिर भेजा जेल

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के भूमाफिया चंपू अजमेरा की मुश्किलें बढ़ गई है। सेटेलाइट कॉलोनी मामले में पहले से ही घिरा था, अब फिनिक्स कॉलोनी के मामले में मैडीकैप्स यूनिवर्सिटी के प्रमुख रमेश मित्तल के साथ जमीन विवाद में खुद के दस्तावेज से ही चंपू उलझ गया। कुछ पीड़ितों को चंपू अजमेरा ने फिनिक्स कॉलोनी के मामले सेटल करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि यह मामले तो मित्तल देखेंगे, हमने उन्हें कुछ प्लॉट दिए थे, यह उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन पीड़ितों के अधिवक्ताओं की ओर से 30 जून 2009 का एग्रीमेंट मित्तल और चंपू के बीच का पेश कर दिया, जिसमें साफ लिखा है कि इस तारीख के बाद इस कॉलोनी की सारी जिम्मेदारी फिनिक्स डेवकॉन कंपनी (यानि चंपू) की होगी और इससे मित्तल का लेना-देना नहीं होगा। 



कई दस्तावेज पर तो मित्तल के साइन ही नहीं है



चंपू ने इसके पहले कहा था कि कुछ प्लाट सौदे के बदले में मित्तल को दिए थे और यह सौदे उन्होंने ही किए हैं। इस पर कई दस्तावेज पेश किए थे, लेकिन कई दस्तावेज में मित्तल या उनकी ओर से किसी के साइन ही नहीं निकले। वहीं जून 2009 के दस्तावेज में पूरी जिम्मेदारी चंपू की निकली। इस करार को देखने के बाद कमेटी ने भी चंपू अजमेरा को फटकार लगाई और जवाब मांगा, जिस पर उसने सोमवार तक समय मांग लिया। कमेटी ने कहा यह अंतिम समय दिया जा रहा है, प्लाट की स्थिति क्लीयर करो और पीडितों का निराकरण करो, नहीं तो कमेटी आगे इसमें फैसला ले लेगी। इसके पहले कमेटी सेटेलाइट मामले में बीच में किसानों की जमीन आने को लेकर नपती करने और फिर से नक्शा क्लियर करने के लिए पहले ही बोल चुकी है। 



हैंडराइटिंग एक्सपर्ट देख बोला हैप्पी साइन से मना नहीं किया



उधर कालिंदी गोल्ड में डायरियों पर हुए सौदों में साइन के असली-नकली होने के चल रहे मामले को लेकर एक बार फिर पीड़ित पक्ष अपने साथ हैंडराइटिंग एक्सपर्ट लेकर आ गए। कमेटी ने हैप्पी धवन से उसके सिग्नेचर का सैंपल मांगा, जिस पर कहा गया कि मैं अधिवक्ता से बात करके करूंगा। वहीं यह भी उनकी ओर से पक्ष रखा गया कि पीड़ितों ने पेमेंट की डिटेल नहीं दी, इसलिए पेमेंट की बात नहीं हो पाई साइन को लेकर कभी इंकार नहीं किया। इस पर भी कमेटी ने सख्त रुख अपनाया और कहा कि सोमवार तक अपनी स्थिति क्लीयर करो। यदि डायरी पर साइन मान रहे हैं तो इनके पेमेंट की स्थिति बताओ और नहीं तो फिर सोमवार को साइन का सैंपल दो, ताकि इसे जांच के लिए भेजा जा सके। 



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उधर भूमाफिया दीपक मद्दा को ईडी कोर्ट ने जेल हिरासत बढ़ाई



उधर ईडी द्वारा मनी लाण्ड्रिंग एक्ट में गिरफ्तार किए गए भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दीपक जैन उर्फ दिलीप सिसौदिया की ज्यूडीशियल रिमांड (जेल) 14 जुलाई को खत्म होने पर ईडी स्पेशल कोर्ट में वर्चुअल पेशी हुई। इस दौरान ईडी ने जेल अवधि बढ़ाने का आवेदन दिया, जिसे मान्य कर लिया गया और ज्यूडीशियल रिमांड को 28 जुलाई तक कर दिया गया। उधर ईडी के चालान पेश होने में अभी समय लगेगा। एक्ट के अनुसार ईडी को 180 दिन के भीतर चालान पेश करना चाहिए, ऐसे में ईडी के पास पर्याप्त समय है, उधर ईडी में डिप्टी डायरेक्टर पद में बदलाव होने के बाद अब नए सिरे सिरे से जांच शुरू की जाएगी, जिसमें जो ब़ड़े लोग छूट गए हैं, उन्हें घेरने की तैयारी की जा रही है।


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