संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर गुरूसिंघ सभा के चुनाव के पहले ही मोनू भाटिया ने भरी बैठक में समाज के संत राजिंदर सिंह बाबाजी पर गंभीर आरोप लगा दिए। मंगलवार शाम को चुनाव कामों को लेकर सभी पैनलों की हुई संयुक्त बैठक में बात आई कि चुनाव कमेटी में बाबाजी को ले लेते हैं। इस पर मोनू ने आपत्ति लेते हुए कहा कि- राजिंदर सिंह बाबाजी पर केस है, उन्होंने कॉलोनी काटी है, गुरूद्वारे की जमीन पर। इस पर रिंकू भाटिया ने कहा कि लिखकर ले लो, कोई केस नहीं है उन पर ना ही उन्होंने कॉलोनी काटी है। इस तरह सभी के लिए बोलते हो कि एफआईआर करा दो, इस तरह समाज का चिंतक बनोगे। इस पर दोनों पक्षों के बीच में बहस हुई। वहीं बाबाजी का नाम लेने से सिख समाज के कई सदस्य, बैठक के बाद मोनू की इस बात से भड़क गए हैं।
#इंदौर सिख समाज में संत की पदवी प्राप्त राजिंदर सिंह बाबाजी पर शराब कारोबारी मोनू भाटिया ने बैठक में लगाए आरोप, सदस्यों ने दर्ज करवाई कड़ी आपत्ति।#TheSootr #TheSootrDigital #MPNews #IndoreNews #MPElection2023 #MonuBhatiya pic.twitter.com/V6Kwk68jPy
— TheSootr (@TheSootr) June 13, 2023
खुद पर लग चुके हैं गैंगरेप के आरोप
उल्लेखनीय है कि खुद मोनू भाटिया पर ही अपने साथियों के साथ मिलकर गैंगरेप करने के आरोप लग चुके हैं और इस मामले में छोटी ग्वालटोली थाने में एफआईआर भी हुई थी। वहीं दो दिन पहले ही एक सदस्य उन पर जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगा चुका है।
कौन है राजिंदर सिंह बाबाजी
सिख समाज में अकाल तख्त की ओर से कुछ को संत की उपाधि दी जाती है जो सरोवर बनाने, गुरूद्वारे बनाने जैसे बड़े कामों के लिए अधिकृत होते हैं। ऐसे ही राजिंदर सिंह बाबाजी को यह संत का दर्जा मिला हुआ है। जिसके साथ समाज की आस्था जुड़ी हुई है।
इधर खालसा पैनल से खनूजा ने की सचिव की दावेदारी
उधर 13 अगस्त की तारीख तय होते ही उम्मीदवारी के लिए दावेदार सामने आने लगे हैं। इसकी शुरूआत हालांकि कुछ दिन पहले मोनू भाटिया ने की थी और इसके लिए खालसा पैनल और बॉबी छाबड़ा के सपोर्ट की बात कही गई थी लेकिन इस सपोर्ट का खंडन कुछ देर बाद ही बॉबी की पैनल ने कर दिया था। वहीं अब बॉबी की ही पैनल खालसा की ओर से चरणजीत सिंह खनूजा की सचिव पद के लिए दावेदारी सामने आई है। इसका संदेश भी उन्होंने साथियों को दे दिया है।
खनूजा बोले- मोनू को छोड़कर सभी रास्ते खुले हैं
खनूजा ने द सूत्र से चर्चा में कहा कि मैं समाज के लिए कुछ बेहतर काम करना चाहता हूं। इसलिए मैंने अपने पैनल में अपनी बात रख दी है। यह पूछने पर कि यदि पैनल नहीं मानी तो क्या कदम होगा। उन्होंने कहा कि चुनाव तो मैं हर हाल में लड़ूंगा क्योंकि मुझे समाज के लिए कुछ बेहतर और बडा करना है, यदि पैनल नहीं मानेगी तो फिर मेरे लिए रास्ते खुले हैं। द सूत्र के इस सवाल पर कि यदि रास्ते यानि रिंकू भाटिया की खंडा पैनल या फिर मोनू भाटिया की पैनल। इस पर उन्होंने कहा कि मोनू भाटिया के साथ तो किसी भी हाल में नहीं, उनके और मेरे बीच वैचारिक मतभेद काफी है, उनके साथ काम नहीं कर सकता हूं। बाकी देखेंगे कि आगे क्या होता है। पर चुनाव लडूंगा।
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बीता चुनाव कार्यकारिणी से लड़े थे
खनूजा सात साल तक मोनू भाटिया के पिता द्वारा बनाई गई केंद्रीय मप्र-छग गुरूसिंग सभा में लंबे समय तक प्रवक्ता रहे हैं, बाद में वह अलग हो गए और खालसा पैनल का काम देख रहे हैं। बीते 2012 के चुनाव में वह 17 सदस्यीय कार्यकारिणी सदस्य के लिए चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन जीत हासिल नहीं हो सकी थी और अब सचिव पद की दावेदारी उन्होंने की है।
इधर... मुटनेजा डरे हुए हैं, बोले- धमकियां जारी है
उधर चुनाव अधिकारियों के सामने मोनू भाटिया की शिकायत करने वाले सुमित सिंह मुटनेजा ने कहा कि शिकायत के बाद भी धमकियां जारी है। परिवार में कई लोगों के पास फोन आ रहे हैं कि यह ठीक नहीं किया और बड़े व्यक्ति से पंगा ले लिया है। उन्होंने कहा कि इन धमकियों से परिवार डरा हुआ है, मैं मार्केटिंग के अपने काम से भी बाहर नहीं जा पा रहा हूं। इस बारे में जल्द बड़े स्तर पर भी बात पहुचाऊंगा।