BHOPAL. मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में तीन चीतों को इन्फेक्शन हो गया है। वन विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। बताया गया कि चीता पवन बाड़े में है। दो दिन पहले उसे ट्रैंकुलाइज कर इलाज शुरू किया गया। अन्य दो चीते जंगल में हैं, उन्हें अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है। इधर चीता प्रोजेक्ट को लेकर पीएम मोदी ने बुधवार को रिव्यू मीटिंग बुलाई है। इससे पहले सीएम शिवराज सिंह ने मंगलवार को चीता प्रोजेक्ट से जुडे़ अफसरों की बैठक बुलाई। उन्होंने कूनो में लगातार हो रही चीतों की मौत पर चिंता जताई।
पवन सहित 3 चीतों को कॉलर आईडी या आपसी संघर्ष से घाव
कूनो डीएफओ प्रकाश वर्मा ने बताया कि चीता पवन की गर्दन पर घाव होने से उसमें इन्फेक्शन हो गया है। वहीं कूनो नेशनल पार्क के सीसीएफ उत्तम शर्मा ने चीतों को इन्फेक्शन होने की खबर को भ्रामक बताया है। उन्होंने कहा है कि ऐसा नहीं है। अगर ऐसा कुछ होगा तो जानकारी शेयर की जाएगी। पवन सहित 3 चीतों को कॉलर आईडी या आपसी संघर्ष की वजह से घाव हुए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि घाव में कीड़े पड़ गए हैं। इसका देरी से पता लगने की वजह से तत्काल उपचार नहीं हो पाया। इसलिए इन्फेक्शन बढ़ गया। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। कूनो प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार चीता पवन महीनेभर से भी ज्यादा समय से बड़े बाड़े में था। पवन शिवपुरी की ओर चला गया था, जिसे ट्रैंकुलाइज कर कूनो लाया गया था, तब से वह बाड़े में था।
पीएम मोदी कल करेंगे चीता प्रोजेक्ट का रिव्यू
कूनो नेशनल पार्क में अब तक आठ चीतों की मौत हो चुकी हैं। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को चीता प्रोजेक्ट को लेकर रिव्यू मीटिंग बुलाई है। पीएम मोदी प्रोजेक्ट चीता की प्रगति की समीक्षा करेंगे। केंद्र ने पांच वन्यजीव विशेषज्ञों की एक टीम कूनो भेजी है। इस टीम में गुजरात से मोहन राम, ओडिशा से मनोज नायर, कर्नाटक से दीप कॉन्ट्रैक्टर और एन.एस. शामिल हैं। भारत सरकार से मुरली और वी. हरिनी कूनो में निरीक्षण करेंगे। केंद्र सरकार ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को कूनो पर लगातार निगरानी रखने का काम सौंपा है।
सीएम शिवराज ने चीतों की मौत पर जताई चिंता
कूनो में लगातार हो रही चीतों की मौत पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने चिंता जताई है। सीएम ने मंगलवार को चीता प्रोजेक्ट से जुडे़ अफसरों की बैठक बुलाई। उन्होंने कहा कि चीतों के स्वास्थ्य और देखभाल के लिए केन्द्र सरकार से गठित चीता टास्क फोर्स की राज्य शासन की ओर से हरसंभव मदद की जाए। सीएम ने कहा कि कूनो में पर्याप्त वन्य प्राणी एक्सपर्ट और डॉक्टर्स समेत जरुरी दवाओं और उपकरण उपलब्ध कराए जाए। साथ ही चीतों की स्थिति की नियमित समीक्षा की व्यवस्था की जाए। जरुरत पड़ने पर फॉरेस्ट गार्ड की संख्या और प्रोजेक्ट के लिए क्षेत्र में बढ़ोतरी भी करें।
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रेडियो कॉलर से गर्दन के आसपास नमी बनी रही और बैक्टीरिया हुएः मेरवे
दक्षिण अफ्रीका से लाए गए नर चीता सूरज की 7 जुलाई शुक्रवार को, जबकि नर चीता तेजस की 11 जुलाई मंगलवार को मौत हो गई थी। एक हफ्ते में दो चीतों की मौत का कारण उनके गले में पहनाए गए रेडियो कॉलर से हुआ इन्फेक्शन है। दक्षिण अफ्रीकी चीता मेटापॉपुलेशन विशेषज्ञ विंसेंट वान डेर मेरवे ने हाल ही में कहा था कि रेडियो कॉलर के कारण गर्दन के आसपास नमी बनी रही और बैक्टीरिया पैदा हो गए। इस कारण चीतों को सेप्टीसीमिया हो गया, जिससे उनकी मौत हो गई। मेरवे ने बताया कि दोनों नर चीतों की मौत सेप्टीसीमिया के कारण हुई है। सेप्टीसीमिया एक गंभीर ब्लड इन्फेक्शन है। इससे खून में जहर बनने लगता है। बता दें कि सुरक्षा और चीतों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उनकी गर्दन में रेडियो कॉलर लगाए गए हैं।
नामीबिया से लाए 4 महीने में 8 चीतों की गई जान
मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में पिछले चार महीने में 8 चीतों की मौत हो चुकी है। 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से आए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया था। इस साल 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से 12 और चीतों को कूनो में छोड़ा गया था। यानी कुल 20 चीते लाए गए थे। इनमें से अब तक 8 चीतों की जान जा चुकी है।